- स्थानीय पंचायतें, कारोबारी और मेला कमेटी संपन्न करवाएं आनी मेला : एसडीएम
- 7 से 10 मई तक होगा जिला स्तरीय आनी मेले का आयोजन
आपकी खबर, आनी। 9 अप्रैल
जिला स्तरीय आनी मेला इस वर्ष 7 मई से 10 तक आयोजित किया जाएगा। मई माह में होने वाले ऐतिहासिक जिला स्तरीय आनी मेले की तैयारियों को लेकर आनी प्रशासन ने कमर कस ली है। एसडीएम आनी नरेश वर्मा ने स्थानीय पंचायतों, स्थानीय कारोबारियों और मेला कमेटी से अपील करते हुए कहा है कि जिला स्तरीय आनी मेला बेहतर तालमेल के साथ संपन्न करवाएं।
आनी के पंचायत समिति हॉल में मेले की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों और पंचायत प्रतिनिधियों को उचित दिशा निर्देश देते हुए मेले से संबंधित कमेटियों के तुरंत गठन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक आनी मेले से उपमंडल के लोगों के साथ लगते दूसरे जिले के लोगों का जुड़ाव रहा है। यह मेला आस्था का केंद्र भी हैं।
इसके चलते इस मेले को संपन्न करवाने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों और पंचायतों के प्रतिनिधियों का आपसी समन्वय जरूरी है क्योंकि यह मेला स्थानीय संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है।
नरेश वर्मा ने मेले के दौरान चुनाव आचार संहिता का पालन करने की अपील भी की।
उन्होंने कहा कि मेले के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन न हो इसको सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मेले के दौरान कानून व्यवस्था, परिवहन व्यवस्था के तहत अतिरिक्त बसे चलाने, शौचालयों की उचित व्यवस्था करवाने के दिशा निर्देश भी जारी किए। उन्होंने धनराशि एकत्रित करने के लिए कमेटी गठन करने और मेला मैदान में प्लॉट आबंटन के लिए भी उचित कार्रवाई करने को कहा।
एसडीएम नरेश वर्मा ने मेला आयोजन को लेकर विभिन्न सांस्कृतिक दलों के आमंत्रण, कलाकारों के चयन आदि को लेकर समबद्ध तरीके से कार्रवाई करने को कहा। देवताओं को निमंत्रण देने पर भी मंथन किया गया। नजराना राशि को लेकर भी देवी देवताओं के कारदारों के साथ उचित समन्वय स्थापित करने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यातिथि सहित अन्य अतिथियों को बुलाने, विभिन्न विभागों द्वारा विभिन्न शिविर स्थापित करने को लेकर भी उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। इस मौके पर एसी(विकास)/बीडीओ आनी अमनदीप सिंह, मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं आनी पंचायत के प्रधान लाल सिंह, विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी, पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।