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शहीद सतीश कुमार वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने किया पौधारोपण

छात्रों ने देवदार के 200 पौधे रोपकर दिया वन संरक्षण का संदेश

शहीद सतीश कुमार वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने किया पौधारोपण

 

आपकी खबर, कुमारसैन। 17 अगस्त

शहीद सतीश कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बड़ागांव में 16 अगस्त को बड़ागांव के शीर्ष पर कलाड़ी नामक स्थान पर विद्यार्थियों ने देवदार के 200 पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपने संकल्प व श्रम की आहुति दी। विद्यालय के दी रैनबो ईको क्लब, एन एस एस इकाई, एन सी सी इकाई, स्काऊट एण्ड गाईड एवम् सैक्योरिटी कोर्स के 127 विद्यार्थियों ने वन विभाग द्वारा दिए गये देवदार के पौधों को लेकर दो किमी दूर कलाड़ी नामक स्थान पर रोपण किया।

कलाड़ी का जंगल देवदार के घने वन के लिये प्रसिद्ध रहा है जहां से इमारती लकड़ी की आपूर्ति बड़ागांव से लेकर जंजैली तक की आधा दर्जन पंचायतों के लिये हुआ करती थी। परन्तु विगत पांच-सात सालों से जंगल की आग में हजारों वृक्ष जलकर नष्ट हो गए।

अत: कलाड़ी के जंगल को पुन: हरा-भरा करने के उद्देश्य से बड़ागांव विद्यालय ने कलाड़ी के एक हैक्टेयर क्षेत्र को गोद लिया है, जिसमें पौधारोपण के अतिरिक्त पेड़ों के पोषण, रखरखाव और वृद्धि के लिये विद्यालय परिवार समय-समय पर आकर कलाड़ी की खोई परिस्थिति कलेवर प्रदान करेंगे।

कलाड़ी में पौधारोपण के विषय में जानकारी देते हए वन रक्षक विनोद ठाकुर ने कहा कि पूर्व में बाल वन वाटिका योजना के तहत बड़ागांव-चमोला सड़क पर बरगाड़ सम्पर्क मार्ग के निकट स्थान को चिन्हित किया गया था जहां भूमि पथरीली होने और लगातार आग लगने से पौधारोपण वर्षों से पूर्णतया असफल रहा है।

इसके अतिरिक्त वहां निम्न ऊंचाई होने व भूमि की गुणवत्ता न होने से दाड़ू की पौध ही लगाई जाती रही, जिसका सामुदायिक उपयोग कमत्तर रहा है। अत: कलाड़ी की समुद्रतल से ऊंचाई होने और मृद्रा की गुणवत्ता होने के कारण यहां देवदार के पौधों के रोपण के लिये परिस्थिति उपयुक्त है।

वनीकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. हिमेन्द्र बाली ने बताया कि प्रकृति के प्रति उपासना का भाव भारतीय संस्कृति की विशिष्ट परम्परा रही है। प्रकृति के प्रति श्रद्धा भाव प्रकट करने के लिये ही गीता में श्रीकृष्ण ने स्वयम् को वृक्षों में अश्वथ अर्थात् पीपल और पर्वतों में हिमालय कहा है। अत: प्रकृति के विविध रूपों के प्रति मानव का उपास्यभाव रहा है और सर्वप्रथम प्रकृति को ही शक्ति रूप में पुज्यपद प्रदान किया गया है।

कलाड़ी के जंगल की पूर्व में जो महता रही है उसे पुन: स्थापित करने के लिये प्रत्येक विद्यार्थी को रोपे गये दो पेड़ों के साथ भावनात्मक सम्बन्ध स्थापित करने का संकल्प लेने का आह्वान किया गया है। प्रधानाचार्य ने कहा कि विद्यालय का संकल्प है कि वह अगामी पांच वर्षों में गोद लिये गये कलाड़ी के एक हैक्टेयर क्षेत्र को देवदार के पौधों से प्राकृतिक श्रृंगार प्रदान करेंगे।

इस अवसर विद्यालय के एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी कपिल शर्मा, सह प्रभारी रीना भैक, एन सी सी के प्रभारी चन्द्रशेखर, रैनबो ईको क्लब प्रभारी मिटू कायस्थ, सैक्योरिटी के व्यावसायिक प्रशिक्षक संतोष कुमार,प्राध्यापक सुनील कुमार, रीना भैक, रक्षा बाली, प्रवीण कुमार देव दत्त,ज्वाहर वर्मा, इन्दुशेखर,दुष्यंत शर्मा,धर्म चंद डीपीई, अध्यापक रमन कायस्थ, योगिता कायस्थ, छविन्द्र शर्मा और रूचि ने पौधारोपण में सक्रिय भाग लिया।

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