हिमाचल

वोकेशनल शिक्षकों की मांगों पर शीघ्र विचार करें सरकार

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सीएम सुक्खू  से की मांग

वोकेशनल शिक्षकों की मांगों पर शीघ्र विचार करें सरकार

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सीएम सुक्खू  से की मांग

आपकी खबर, शिमला। 6 नवंबर

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की प्रांत इकाई के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सूद ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एवं शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से आग्रह किया है कि 11 वर्षों से वोकेशनल शिक्षकों के साथ होने वाले अन्याय और आर्थिक शोषण को खत्म करके सरकार इस वर्ग को राहत दे, क्योंकि वोकेशनल शिक्षक हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में विभिन्न प्रकार की वोकेशनल शिक्षा को देने के लिए अपना जीवन और समय शिक्षा विभाग को इस उम्मीद से दे चुके हैं कि जिस प्रकार से समय समय पर सरकार ने अन्य शिक्षकों राहत प्रदान की है उसी तर्ज़ पर इन शिक्षकों को भी अनुबंध पॉलिसी पर लाया जाए और हिमाचल प्रदेश के इन पढ़े-लिखे बच्चों को सम्मानजनक तरीके से अपनी सेवाएं देने का हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में सम्मान मिले।

इस अन्याय और शोषण को समाप्त करने के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (माध्यमिक संवर्ग) पवन मिश्रा, उत्तर क्षेत्र प्रमुख पवन कुमार, मेरा विद्यालय मेरा तीर्थ राष्ट्रीय प्रमुख बलबीर नेगी वरिष्ठ उपाध्यक्ष दर्शन लाल, प्रान्त महामंत्री नरेश शर्मा, अतिरिक्त महामंत्री भीष्म सिंह, हेम राज, सह संगठन मन्त्री जय शंकर ठाकुर, सुनील कुमार, उपाध्यक्ष ललिता वर्मा, बलदेव मन्हास, विजय कंवर, तीर्थानन्द शर्मा, पुरेन्दर, सुषमा कुमारी, प्रांत कोषाध्यक्ष जितेंद्र कुमार प्रांत शैक्षिक प्रकोष्ठ सह प्रमुख रवि शर्मा,कार्यालय सचिव राजेन्द्र कृष्ण, प्रांत मीडिया (प्रमुख) शशि शर्मा, शैक्षिक प्रकोष्ठ (प्रमुख) रामकृष्ण मार्कण्डेय, प्रशिक्षण प्रकोष्ठ (प्रमुख) राज कुमार, प्रकाशन प्रकोष्ठ (प्रमुख) कमल देव,समर्थ भारत तय आयाम (प्रमुख) शमशेर सिंह, जिला अध्यक्ष सत्येंद्र शर्मा जिला उपाध्यक्ष युगल आदि ने सरकार से नीति बनाने का आग्रह किया है।

विनोद सूद ने कहा कि या इन शिक्षकों को समग्र शिक्षा हिमाचल प्रदेश की अधीन बनी स्कूल शिक्षा समिति के अधीन लाया भी लाया जा सकता है। उन्होंने कहा किवर्षों से शोषण कर रही निजी कंपनियों को इस सिस्टम से बाहर किया जाएऔर कल्याणकारी राज्य में इस प्रकार की शोषणकारी नीतियों को हमेशा के लिए बंद किया जाए।

सरकार इन लोगों के भविष्य को संवार कर कर्मचारी हितैषी होने का एक बार पुनः परिचय दे सकती है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने समय समय पर अपने प्रदेश के लोगों और युवाओं के कल्याण के लिए हमेशा ही कार्य किया है।

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