- एसएफआई के छात्रा अधिवेशन में 15 सदस्यीय कमेटी गठित, प्रिया बनी संयोजक
आपकी खबर, शिमला। 16 सितंबर, 2023
एसएफआई शिमला शहरी छात्रा उप समिति ने छात्रा अधिवेशन आयोजित किया। इसमें एसएफआई के पूर्व कार्यकर्ता डॉ. रंजना जरेट, एसएफआई शिमला जिला छात्रा संयोजक नेहा ठाकुर, एसएफआई शिमला शहरी अध्यक्ष नीतीश राजटा उपस्थित रहे। इस दौरान 15 सदस्यीय कमेटी गठित की गई। इसमें प्रिया को संयोजक बनाया गया है।
एसएफआई के पूर्व कार्यकर्ता डॉ रंजना जरेट ने इस अवसर पर कहा कि आज देश और दुनिया में महिला अग्रिम पंक्ति में अपनी भूमिका निभा रही है। वह चाहे कृषि के क्षेत्र में हो चाहे शिक्षण संस्थानों में हो या ग्रामीण क्षेत्रों में हो या समाज के अलग-अलग वर्गों में अग्रिम पंक्ति में अपनी भूमिका निभा रही है। बावजूद इसके साथ दिन प्रतिदिन अत्याचार होते आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम देखते हैं की हाल ही में मणिपुर में किस तरीके से महिलाओं को नंगा करके जुलूस निकाला गया या राजस्थान के अंदर बीजेपी का छात्र संगठन एबीवीपी के द्वारा वहां पर छात्राओं के साथ रेप किया जाता है और देश में अलग-अलग हिस्सों में यूपी, बिहार, गुजरात, हरियाणा, अलग-अलग राज्य में महिलाओं पर दिन प्रतिदिन अत्याचार की घटना सुनने को मिलती है।
उन्होंने कहा कि आज देश के अंदर महिलाओं को डराया वह धमकाया जाता है और जिस प्रकार से घरेलू हिसा चलती आ रही है उसमें और भी ज्यादा इजाफा हुआ है और इसके पीछे अगर कारण देखें तो इसकी जड़ सिर्फ वह सिर्फ पूंजीवाद है ।
पूंजीवाद के कारण आज देश में महगाई, बेरोजगारी सांप्रदायिकता, अराजकता फैली है।
आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि जब हम एसएफआई के अंदर 1980 से 1985 के बीच हुआ करते थे तो सिर्फ हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र अधिवेशन हुआ करते थे।
आज एसएफआई इतना आगे बढ़ चुकी है कि वह भारत में नहीं बल्कि भारत के अलावा यूके, बांग्लादेश जैसे कई देशों में पहुंच चुके हैं एसएफआई वह छात्र संगठन है, जिसमें महिलाओं को बराबरी का हक दिया जाता है, जिसमें महिलाओं को उनके अधिकार के बारे में बताया जाता है और समाज में फैल रही बुराइयों के बारे में लड़ना सीखता है।
संयोजक प्रिया ने कहा कि हमे इस शिमला शहर नहीं अपितु पूरे देश में हो रहे महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ लड़ना होगा और कॉलेजों में लड़कियों को जिस भी प्रकार की परेशानियां आती हैं। हम उनके साथ दिन रात खड़े हैं और उनकी परेशानियों को दूर करने में साहयता करेंगे।
सह संयोजक मोनिका ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों में लोकतांत्रिक तरीके से लिंग स्वदेनशील कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। अगर हम आज बात करे तो पूरे हिमाचल प्रदेश में किसी भी कॉलेज में इस प्रकार की कोई भी कमेटी का गठन नहीं किया गया है। इकाई लगातार मांग भी कर रहे है कि लिंग स्वदेनशील कमेटी का गठन किया जाना चाहिए।