- केंद्र की मोदी सरकार ने दिखाए किसान बागवानों को सब्जबाग : रोहित ठाकुर
- कहा, आय दोगुनी का दिखाया था सपना, उल्टी घटने लगी है आमदनी
- डबल इंजन की सरकार हांफने लगी, खामियाजा भुगत रहे प्रदेश के किसान बागवान
आपकी खबर, शिमला।
केंद्र की मोदी और हिमाचल की जयराम सरकार अब हांफ चुकी है। किसानों और बागवानों की आय दोगुनी करने के जो सब्जबाग दिखाए गए थे, उसमें सरकार नाकाम साबित हुई है। यह बात जुब्बल कोटखाई के विधायक रोहित ठाकुर ने शिमला में पत्रकारों से बात करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि कृषि-बाग़वानी क्षेत्र वर्तमान डबल इंजन की भाजपा सरकार के उदासीनता के चलते हाशिए पर है, जिसका खामियाज़ा प्रदेश के किसानों-बाग़वानों को भुगतना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 तक किसानों-बाग़वानों की आय दोगुना करने की बात कही थी। इसके विपरीत बाग़वानी में लागत मूल्य दोगुनी और आय आधे से भी कम रह गई हैं और आज भी बाग़वानों को एक दशक पुराने दाम मिल रहे हैं। पैकिंग सामग्री में अप्रत्याशित वृद्धि
रोहित ठाकुर ने कहा कि गत दो वर्षों से लगातार पैकिंग सामग्री में अप्रत्याशित 40 से 50% प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार कार्टन में 10 से 15 रुपए जबकि प्रति बंडल ट्रे में ₹200 रूपए की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। निजी कंपनियां पैकिंग सामग्री के दाम बढ़ने का कारण केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दर में 12% से 18% वृद्धि को बताकर पल्ला झाड़ रही है। उन्होंने भाजपा सरकार का कार्टन और ट्रे पर GST दर में 6% की कटौती को बहुत देरी से लिया गया फ़ैसला क़रार दिया।
रोहित ठाकुर ने बताया कि पैकेजिंग सामग्री पर जीएसटी छूट का फ़ैसला सरकार को जून माह में लेना चाहिए था और इसे मजबूती से केंद्र के समक्ष उठाते। उन्होंने कहा कि लगभग 25 लाख से अधिक सेब की पेटियों का विपणन हो चुका हैं और 15 अगस्त के बाद ऊंचाई वालें सेब बहुल इलाक़ो में सेब सीज़न भी शुरू हो जाएगा। इस बार सेब का उत्पादन गत वर्ष के बराबर रहने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष एचपीएमसी और हिमफेड ने पूरे प्रदेश में मात्र 2 लाख कार्टन बेचे जो कि अनुमानित सेब उत्पादन के मुकाबले नाममात्र 1% से भी कम हैं। उन्होंने सेब पैकेजिंग सामग्री पर जीएसटी छूट योजना को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि सरकार ने बाग़वान को अनेकों औपचारिकता में ही उलझा कर हतोत्साहित करने का नायाब तरीक़ा ढूंढा हैं।
रोहित ठाकुर ने उदाहरण देते हुए कहा कि इससे पहले भी वर्तमान भाजपा सरकार ने फफूंदनाशक-कीटनाशक दवाइयों की सब्सिडी बन्द कर डीबीटी योजना लागू की थी, जिसमें इसी तरह की औपचारिकता के निर्धारित की गई थी। सरकार के प्रचार के बावजूद भी ये योजना बुरी तरह से फेल हुई, क्योंकि लंबी औपचारिकता के कारण कोई भी बाग़वान गत दो वर्षों में आगे नही आए। रोहित ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार बागवानों का आक्रोश व चुनाव आते देख ध्यान भटकाने के लिए पैकेजिंग सामग्री पर विफ़ल जीएसटी छूट योजना लाई है।
रोहित ठाकुर ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकारों ने हमेशा कृषि और बाग़वानी क्षेत्र को बढ़ावा और सुदृढ करने का प्रयास किया हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल निर्माता डा० यशवंत सिंह परमार की बागवानी के प्रति सोच को धरातल पर लाने और प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कांग्रेस सरकारों ने उनके पदचिन्हों पर चलते हुए हमेशा सकारात्मक कदम उठाए हैं। रोहित ठाकुर ने 5 अगस्त को शिमला में प्रस्तावित आंदोलन में किसान-बागवानों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सहयोग करने की अपील की है।