Friday, April 19, 2024

हिमाचल में संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा देना सराहनीय पहल : राज्यपाल

  • हिमाचल में संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा देना सराहनीय पहल : राज्यपाल

आपकी खबर, शिमला। 

राजकीय संस्कृत महाविद्यालय फागली और हिमाचल संस्कृत अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आज शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में संस्कृत पर एक नाटक ‘भारत विजयम’ का मंचन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेे। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में विनोद शर्मा द्वारा निर्देशित कथाकार मथुरा प्रसाद दीक्षित के नाटक का मंचन किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में संस्कृत को राज्य की दूसरी राजभाषा का दर्जा देकर प्रदेश सरकार ने बहुत ही सराहनीय पहल की है और अब हम सबको मिलकर संस्कृत को आगे बढ़ाना है। राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत के प्रयोग और प्रसार के लिए आम लोगों को संभाषण शिविरों में भाग लेने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि राजभवन में भी संभाषण शिविर के माध्यम से संस्कृत का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत एक बहुत ही समृद्ध भाषा है और इसके शब्द देश के हर राज्य में बोली जाने वाली भाषाओं और बोलियों में पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भारत के संसाधनों के साथ-साथ यहां की समृद्ध संस्कृति पर भी एक सुनियोजित ढंग से प्रहार किया था और इससे देश की एकता टूट गई। संस्कृत भाषा पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ा।

भारत में ब्रिटिश शासन से पहले भारत की आर्थिक समृद्धि और साक्षरता के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि हम हर तरह से संपन्न और समृद्ध थे। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता के लिए संस्कृत के उद्भव पर बल दिया।

इससे पहले, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा ने राज्यपाल को सम्मानित करते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर शिक्षा विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि विद्यार्थियों को अपने गौरवशाली इतिहास की जानकारी मिल सके। उन्होंने संस्कृत को श्रुति से आगे ले जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं और हाल ही में प्रदेश में दो नए संस्कृत महाविद्यालयों को अधिसूचित किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही प्रदेश का अपना संस्कृत विश्वविद्यालय भी होगा।

हिमाचल प्रदेश संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. केशवानंद कौशल ने राज्यपाल का स्वागत किया।

इस अवसर पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो. अभिराज राजेंद्र मिश्र, सारस्वत अतिथि प्रो. केशव राम शर्मा, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय फागली के प्रधानाचार्य डॉ. मुकेश शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Get in Touch

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

spot_img

Latest Posts