- बहुचर्चित सूरज हत्याकांड मामले में 8 पुलिस अधिकारियों को उम्रकैद
- चंडीगढ़ की CBI अदालत ने सुनाया फैसला, गुड़िया रेप-मर्डर केस में हिरासत में लिए गए आरोपी की लॉकअप में हुई थी हत्या
आपकी खबर, शिमला। 27 जनवरी
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म एवं हत्याकांड मामले में हिरासत में लिए गए आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या मामले में चंडीगढ़ की CBI अदालत ने सोमवार को दोषी पूर्व आईजी आईपीएस जहूर हैदर जैदी समेत 8 पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
सोमवार को चंडीगढ़ जिला अदालत सीबीआई की स्पेशल जज अल्का मलिक की कोर्ट ने सजा के ऐलान से पहले दोषियों से उनकी अपील सुनी। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील अमित जिंदल ने सभी दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की थी। मामले में दोषी आईजी आईपीएस जहूर हैदर जैदी व डीएसपी समेत आठ पुलिस जवानों ने कोर्ट में अपनी सजा को लेकर अपनी ईमानदारी से किए गए सेवाकाल और पारिवारिक जिम्मेदारियां को लेकर रहम की अपील की।
कोर्ट ने सभी के बयान दर्ज कर लगभग 5:00 बजे बजे सजा सुनते हुए सभी को अलग-अलग धाराओं में उम्र कैद की सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान सभी सदस्यों के परिवार के सदस्य कोर्ट के बाहर उपस्थित थे। इससे पहले पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई कोर्ट ने गवाहों के बयान व सबूतों के आधार पर दोषी करार देने के बाद पुलिस ने आईजी आईपीएस जहूर हैदर जैदी के अलावा तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, पुलिस सब इंस्पेक्टर राजिंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, मोहन लाल व सूरत सिंह, रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रनीत सतेता को गिरफ्तार कर लिया था जो कि अभी बुड़ैल जेल बंद थे।
कोर्ट ने सभी आरोपियों को आईपीसी एक्ट 120-बी, 302 को 120-बी, 330 को 120-बी, 348 को 120-बी, 195 को 120-बी, 196 को 120-बी, 218 को 120-बी और 201 को 120-बी के साथ दोषी ठहराया था। मामले के एक आरोपी एसपी डी डब्लिऊ नेगी को रिहा कर दिया गया था।
गौरतलब है कि शिमला जिले के कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को लापता हुई 16 वर्षीय छात्रा का शव कोटखाई के तांदी के जंगल में मिला था। मामले की जांच के लिए शिमला के तत्कालीन आईजी जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की थी, जिसने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी नेपाली युवक सूरज की कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत के दौरान लॉकअप में मौत हो गई थी।
मौत का यह मामला जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ कि सूरज की मौत पुलिस प्रताड़ना के कारण हुई थी। इसी आधार पर सीबीआई ने आईजी जैदी सहित मामले से जुड़े नौ अन्य पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हत्या की धारा 302, सुबूत खुर्द-बुर्द करने की धारा 201 सहित अन्य कई संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।