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राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज यहां पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज (पीएचडीसीसीआई) द्वारा धरोहर-सतत विकास का प्रमुख माध्यम, विषय पर आयोजित 11वें अन्तरराष्ट्रीय धरोहर पर्यटन कॉन्क्लेव का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस धरोहर कॉन्क्लेव के आयोजन के लिए हिमाचल प्रदेश उपयुक्त स्थान है। उन्होंने स्वयं राज्य के कुछ दर्शनीय एवं मनोरम स्थलों की यात्रा की है और यहां के हर धरोहर स्थल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि धरोहर सिर्फ भवनों में ही नहीं अपितु नदियां, झीलें, वन, मन्दिर और संस्कृति भी हमारी धरोहर हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाना चाहिए। इससे राज्य में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बर्ड वॉचर, फोटोग्राफर और अन्य लोग आकर्षित होंगे। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सतत आधारभूत संरचना का विकास अत्यन्त आवश्यक है ताकि पर्यावरण मित्र गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा सके।
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने कहा कि भारत में पर्यटन क्षेत्र, विशेष रूप से धरोहर पर्यटन को मजबूत करने के लिए पीएचडीसीसीआई प्रतिबद्ध है। धरोहर पर्यटन कॉन्क्लेव की परिकल्पना वर्ष 2011 में की गई थी। उन्होंने कॉन्क्लेव के आयोजन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर पीएचडीसीसीआई तथा इसके नॉलेज पार्टनर-ओआरजी इंडिया ने संयुक्त रूप से हेरिटेज एज अ की ड्राईवर ऑफ सस्टेनेबिलिटी नामक नॉलेज रिपोर्ट भी जारी की। इस रिपोर्ट में विश्व तथा देश में हेरिटेज पर्यटन का समग्र दृष्टिकोण दिया गया है।