नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह दस बजे कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वे महापरिनिर्वाण मंदिर में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी बुधवार दोपहर एक बजे कुशीनगर में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे.
बौद्ध समुदाय को सरकार का तोहफा
नरेंद्र मोदी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने और विश्व भर के बौद्ध समुदाय को भारत में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बौद्ध सर्किट का मेगा प्रोजेक्ट शुरू किया था. इसी योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री मोदी 20 अक्टूबर को कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्धघाटन करेंगे.
कुशीनगर का क्षेत्र बौद्ध सर्किट के तहत आता है. बौद्ध सर्किट में नेपाल के लुंबिनी, जहां गौतम बुद्ध का जन्म हुआ से लेकर बिहार के बोध गया तक का क्षेत्र शामिल है जहां उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ. इसमें सारनाथ और कुशीनगर भी शामिल है. सारनाथ में महात्मा बुद्ध ने पहला उपदेश दिया था जबकि कुशीनगर में वे महापरिनिर्वाण को प्राप्त किये थे.
क्यों खास है कुशीनगर?
ये भी जानना जरूरी है कि कुशीनगर में तीन प्रमुख बौद्ध स्थान हैं, जिनमें भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण का स्थान, परिनिर्वाण मंदिर और इसके पीछे एक स्तूप है, जिसे परिनिर्वाण स्तूप कहा जाता है. दूसरा रामाभार स्तूप और तीसरा माथाकुंवर मंदिर है. इनके अलावा पर्यटकों और बौद्ध धर्म को मानने वालों के लिए कुशीनगर में कुछ अन्य महत्वपूर्ण आकर्षण के केंद्र भी हैं. जैसे वाट थाई मंदिर, चीनी मंदिर, बुद्ध मंदिर, जापानी मंदिर इत्यादि. कुशीनगर में एयरपोर्ट के उद्धघाटन के बाद इस क्षेत्र के सांस्कृतिक विकास में भी मदद मिलेगी.
कुशीनगर बौद्ध धार्मिक यात्रा के चार महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है. यह हवाई अड्डा बुद्धिस्ट सर्किट में कुशीनगर को महत्व दिलाएगा. इससे मूल बौद्ध केंद्र के रूप में भारत का विकास और पहचान बढ़ेगी. यहीं से दुनिया भर में बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार हुआ. इससे देश विदेश के बौद्ध धर्म के अनुयायियों को कुशीनगर आने में मदद मिलेगी. इसके अलावा इससे बुद्धिस्ट थीम पर आधारित सर्किट के विकास में मदद मिलेगी.
पूरे क्षेत्र का होगा समग्र विकास
इस योजना से बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण स्थानों तक आम लोगों की पहुंच बढ़ेगी और बौद्ध धर्म से जुड़े मूल्यों का प्रचार भी होगा. सरकार के प्रयास के बाद बौद्ध धर्म से जुड़े स्थानों के संरक्षण में मदद मिलेगी और इस तरह भारतीय स्मारकों और संस्कृति का संरक्षण भी हो सकेगा. विदेशी और देसी पर्यटकों के आने से विचारों तथा मूल्यों के आदान-प्रदान से एक भारत श्रेष्ठ भारत की थीम का प्रमोशन हो सकेगा. साथ ही भारत की मूल्य व्यवस्था का केंद्रीय विचार पंथनिरपेक्षता और असहिष्णुता को दुनिया के सामने रखा जा सकेगा.
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यही नहीं भारत की श्रेष्ठ आर्किटेक्चर को दुनिया के सामने दिखाया भी जा सकेगा. इसके साथ ही कुशीनगर एयरपोर्ट के उद्घाटन से एयर कनेक्टिविटी में सुधार होगा. इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे. कुशीनगर तथा अन्य बौद्ध स्थलों के आर्थिक विकास में मदद भी मिलेगी.