राजनीति

शहरीकरण अपने आप में एक चुनौती, बेघरों को घर, बेरोजगारों को नौकरी हमारी प्राथमिकता : भारद्वाज

 

आपकी खबर, शिमला।

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण से क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी।

 

सोमवार को शहरी विकास मंत्री ने हिपा में नगर निगमों के महापौरों और उप महापौरों, प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।

 

सुरेश भारद्वाज ने लंबे समय से स्थापित रूढि़यों को संशोधित करने के लिए निर्वाचित सदस्यों के बीच पूरी तरह से व्यवहार और व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होेंने सभी सदस्यों को शहरी स्थानीय निकायों के प्रभावी कामकाज के लिए अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम बनाने के लिए कौशल प्रदान करने और ज्ञान बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार के सतारूढ़ होने पर पूर्व में शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था। वर्तमान में इन निकायों में 50 प्रतिशत से अधिक महिला प्रतिनिधि चुनी जाती हैं। यह बदलाव का संकेत है और हमें इसे सुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक अवसर में बदलना होगा।

 

उन्होंने बेहतर प्रशासन के लिए शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों से अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने का आग्रह किया और कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि सरकारी परियोजनाओं, योजनाओं, नियमों की जानकारी प्राप्त करें।

 

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने शहरी जीवन को बदलने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि शहरीकरण अपने आप में एक चुनौती है और अब समय आ गया है कि इसे एक अवसर के रूप में लिया जाए। इसके लिए बेघरों के लिए घर, बेरोजगारों के लिए नौकरी, चैबीसों घंटे जलापूर्ति, स्वच्छता, शहरी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा सरकार की प्राथमिकताओं में हैं।

 

उन्होंने कहा कि हाल ही में हिमाचल ने अच्छा प्रदर्शन किया और स्वच्छ सर्वेक्षण (स्वच्छता सर्वेक्षण) में शीर्ष पांच राज्यों में जगह बनाई। नवाचार और प्रभावी प्रशासन के माध्यम से इसमें और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि नीति आयोग ने पहली बार शहरी भारत के लिए एसडीजी इंडेक्स शुरू किया है और शिमला शहर इसमें शीर्ष पर है।

 

प्रशिक्षण कार्यक्रम शहरी विकास विभाग द्वारा तैयार किया गया है। इस अवसर पर निदेशक शहरी विकास मनमोहन शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button