आपकी खबर, शिमला।
बेशक राज्य सरकार प्रदेश को बेसहारा पशुओं से मुक्त बनाने की हामी भर रही हो लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रही है। जी हां, राज्य की सड़कों में आज भी बेसहारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। इससे जहां वाहन चालकों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही है वहीं किसानों को भी अपनी फसलों को पशुओं से बचाना मुश्किल हो रहा है। कुछ ऐसी ही स्थिति जिला शिमला के विकास खंड बसंतपुर की नीन पंचायत में पेश आ रही है। आलम यह है कि पंचायत के अंतर्गत जुब्बड़, धार में रोजाना 10 से अधिक बेसहारा पशुओं का जमावड़ा सड़कों और खेतों में लगा रहता है।
स्थानीय लोगों की मानें तो बेसहारा पशुओं को क्षेत्र में रात के अंधेरे में अज्ञात लोगों द्वारा छोड़ा जा रहा है। विडंबना यह है कि राज्य सरकार ठंड में ठिठुरते इन पशुओं की सुध लेना मुनासिब नहीं समझ रही। नेहरु युवक मंडल नीन के अध्यक्ष ललित शर्मा, कुलभूषण शर्मा, रोहित शर्मा, दिनेश शर्मा, महेश वर्मा व समाजसेवी विजय वर्मा ने सरकार से मांग उठाई है कि इस समस्या का समाधान शीघ्र किया जाए।
नीन पंचायत में बेसहारा पशुओं की समस्या निरंतर बढ़ती जा रही है। पंचायत में बेसहारा पशुओं को अज्ञात लोगों द्वारा छोड़ा जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि शातिर इन पर लगाये गए टैग को भी निकाल देते हैं। ऐसे में पशुओं के मालिकों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है। मेरा राज्य सरकार से आग्रह है कि इस संबन्ध में शीघ्र कार्रवाई की जाए।
– बलदेव सिंह, प्रधान, ग्राम पंचायत नीन