- प्रतिमा तोडऩे वाले शरारती तत्वों पर कार्रवाई की मांग पर एकजुट हुए पूर्व सैनिक
- सुकेत सत्याग्रह स्मारक की दयनीय स्थिति सुधारने के लिए प्रशासन को दिया अल्टीमेटम
आपकी खबर, शिमला।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के राजगढ़ स्थित हाब्बन के शहीद स्मारक में स्थापित शहीद हितेश शर्मा की खंडित प्रतिमा के पुन:निर्माण के लिए पूर्व सैनिकों ने मोर्चा खोल दिया है। वर्ष 2002 के दिसंबर माह में आतंकियों से लोहा लेते हुए सिरमौर के इस जवान ने बारामूला में शहादत को गले लगाया था। शहीदों की याद संजोने के मकसद से ही शहादत का जाम पीने वाले इस रणबांकुरे की प्रतिमा शहीद स्मारक में स्थापित की गई थी। वर्ष 2019 में जब समूचा देश स्वतंत्रता दिवस का उल्लास बना रहा था तो उसी उल्लास के बीच कुछ शरारती तत्वों ने शहीद की प्रतिमा को खंडित करते हुए प्रतिमा से धड़ को उखाडकर फैंक दिया। शरारती तत्वों के इस कृत्य से जहां देवभूमि शर्मशार हो गई वहीं शहीद की खंडित प्रतिमा के पुन:निर्माण के लिए लोगों ने जोरशोर से मांग उठाना शुरू कर दी। लेकिन तकरीबन अढ़ाई वर्ष बीत जाने के बाद भी शहीद की खंडित प्रतिमा का निर्माण न होने से सिरमौर जिला के अलावा समूचे हिमाचल के पूर्व सैनिकों में रोष पनपने लगा है।
शुक्रवार को करसोग के सुकेत सत्याग्रह स्मारक स्थल पर पूर्व सैनिकों ने प्रदर्शन करते हुए जहां शहीद की प्रतिमा का अपमान करने वालों पर आवश्यक कानूनी कार्यवाई करने की मांग की वहीं जल्द से जल्द शहीद हितेश शर्मा की प्रतिमा का पुन:निर्माण व अनावरण करने के लिए भी सरकार से मांग की है। पूर्व सैनिकों ने कहा कि प्रदेश में इस तरह से शहीदों के अपमान को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वक्त रहते यदि शहीद की प्रतिमा को सम्मान सहित पुन:स्थापित नहीं किया गया तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन शुरू किया जाएगा ताकि शहादत को गले लगाने वालों को सम्मान मिल सके। पूर्व सैनिकों के साथ नगर पंचायत करसोग के उपाध्यक्ष बंसी लाल कौंडल भी मौजूद रहे तथा पूर्व सैनिकों का समर्थन करते हुए सरकार से शहीद की प्रतिमा पुन:निर्माण करवाने का आग्रह किया। इसके अलावा करसोग में बनाए गए सुकेत सत्याग्रह स्मारक की दयनीय स्थिति को लेकर भी उपाध्यक्ष ने भवें तरेरते हुए प्रशासन से मांग की है कि इसकी दशा में भी सुधार लाया जाए। पूर्व सैनिकों ने सुकेत सत्याग्रह स्मारक स्थल पर टूटी पड़ी कुर्सियों, बंद पड़ी लाईटों व शिलान्यास व उद्घाटन पट्टिकाओं के गायब होने पर प्रशासन को अलटीमेटम देते हुए कहा कि यदि 15 दिनों के भीतर सुकेत सत्याग्रह स्मारक की दशा को सुधारा नहीं गया तो मजबूरी में सुकेत सत्याग्रह के हीरो रहे स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में जन आंदोलन चलाया जाएगा।