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हिमाचल कैबिनेट : 9वीं से 12वीं कक्षा तक के शिक्षण संस्थान खुलेंगे, 23 से बजट सत्र

  • विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से 15 मार्च तक, 16 बैठकें होंगी, 4 मार्च को पेश होगा बजट
  • शत प्रतिशत क्षमता के साथ 6 दिन खुलेंगे सरकारी कार्यालय
  • दिव्यांग व्यक्ति व गर्भवती महिलाओं को घर से ही कार्य करने की छूट होगी
  • दुकानें खोलने के समय पर पाबंदी हटी
  • 19,30,000 राशन कार्ड धारकों को दी बड़ी राहत
  • लंगर पर पाबंदी पहले की तरह रहेगी
  • हिमाचल भवन, नई दिल्ली में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग का उपमंडल खोलने और इसमें विभिन्न वर्गों के नौ पदों को भरने को स्वीकृति
  • पेंशन योजनाओं की वार्षिक आय सीमा 35,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रतिवर्ष करने का भी निर्णय

आपकी खबर, शिमला। 

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में राज्यपाल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से 15 मार्च तक आयोजित करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया गया। इस सत्र में कुल 16 बैठकें होंगी। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट 4 मार्च को प्रस्तुत किया जाएगा।

मंत्रिमण्डल ने गर्मियों के अवकाश वाले सभी शैक्षणिक संस्थानों को 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए 3 फरवरी, 2022 से खोलने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त सभी उच्च शैक्षणिक संस्थान भी इसी तिथि से खुल जाएंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया कि सभी कोचिंग संस्थान और पुस्तकालय भी 3 फरवरी से खुल जाएंगे। सभी सरकारी कार्यालय सप्ताह के छः दिन शत-प्रतिशत क्षमता के साथ खुले रहेंगे, हालांकि दिव्यांग व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं को घर से ही कार्य करने की छूट होगी। बैठक में ज़िम और क्लब खोलने का भी निर्णय लिया गया। सभी सामाजिक समारोह में खुले में अधिकतम 500 तथा आंतरिक स्थलों में 250 लोगों अथवा 50 प्रतिशत क्षमता के साथ कोविड मानकों और कोविड अनुरूप व्यवहार के साथ आयोजन की अनुमति होगी। रात्रि कफ्र्यू पूर्व की भांति रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक जारी रहेगा और दुकानें सामान्य तौर पर ही खुली और बन्द होंगी। आगामी आदेशों तक लंगर का आयोजन निलम्बित रहेगा।

मंत्रिमण्डल ने राज्य में नशे की बुराई को समाप्त करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश इन्टेग्रेटिड ड्रग प्रिवेंशन पाॅलिसी को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की। इस नीति का उद्देश्य राज्य में नशीलें पदार्थो की तस्करी, मादक द्रव्यों का दुरूपयोग, नशीले पदार्थों की खेती, उत्पादन और खपत की गम्भीर समस्या को रोकना है। इसके अतिरिक्त इस नीति का उद्देश्य जब्ती के आंकड़े, संयुक्त दवा काननू प्रवर्तन संचालन और संयुक्त पूछताछ केन्द्र की स्थापना द्वारा बहु-स्तरीय सहयोग तंत्र के तहत अन्तर सरकारी और अन्तर एजेंसी समन्वय को मजबूत करना भी है।

मंत्रिमंडल ने खुली निविदा के आधार पर सफल बोलीदाता एल-1 मैसर्ज कृष्णा डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड पुणे को आईजीएमसी-आरकेएस/सीजीएचएस दरों पर 40.50 प्रतिशत छूट के प्रस्ताव पर एचयूबी और स्पोक माॅडल अनुसार 236 जांच जिनमें 53 निःशुल्क जांच शामिल हैं, को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक नैदानिक सेवाएं प्रदान करने को भी अनुमति प्रदान की है। अभी तक राज्य में प्रयोगशाला सेवाएं केवल 24 स्वास्थ्य संस्थानों में ही उपलब्ध करवाई जा रही थीं और इस निर्णय से रोगियों को उनके घर के समीप नैदानिक सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

बैठक में हिमाचल भवन, नई दिल्ली में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग का उपमंडल खोलने और इसमें विभिन्न वर्गों के नौ पदों को भरने को स्वीकृति प्रदान की।

मंत्रिमंडल ने बीते 14 जनवरी को कांगड़ा जिला के शाहपुर में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग का नया मंडल खोलने के बारे में लिए गए अपने निर्णय में क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए तीन अनुभागों चड़ी, गग्गल और रजौल को उपमंडल गग्गल के तहत लाने के लिए आंशिक संशोधन करने का निर्णय लिया।

मंत्रिमंडल ने मंडी जिला के चच्योट क्षेत्र में राजकीय माध्यमिक विद्यालय बाहवा को राजकीय उच्च विद्यालय तथा सराज क्षेत्र में राजकीय उच्च विद्यालय मागी, सेरी भटवारा और बागी भनवास को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में स्तरोन्नत करने तथा इनके सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पदों के सृजन व उन्हें भरने का निर्णय लिया।

मंत्रिमंडल ने मंडी जिला के बाली चौकी विकास खंड में बागवानी विकास अधिकारी का कार्यालय खोलने तथा चार पदों के सृजन और उन्हें भरने का निर्णय लिया।

मंत्रिमंडल ने राशन कार्ड धारकों पर आधार प्रमाणीकरण शुल्क के रूप में अधिरोपित 25 पैसे प्रति ट्रांजेक्शन शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन करने का भी निर्णय लिया गया। इससे राज्य के 19,30,000 राशन कार्ड धारकों को लाभ मिलेगा और सरकार इस मद पर 55.58 लाख रुपये व्यय करेगी।

मंत्रिमंडल ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों के लिए वार्षिक आय की सीमा 35,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रतिवर्ष करने का भी निर्णय लिया। इससे विभिन्न योजनाओं के 78158 अतिरिक्त लाभार्थियों को लाभ होगा।

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