आपकी खबर, शिमला।
भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि दि माल, शिमला स्थित गेयटी थियेटर के सम्मेलन कक्ष का विभिन्न गतिविधियों के लिए उपयोग करने के लिए विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि शिमला में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, साहित्यिक संस्थाओं को प्रोत्साहित करने व हाॅल की सुविधा का अधिक से अधिक उपयोग करने के उद्देश्य से सूचीबद्ध संस्थाओं को विभिन्न गतिविधियों के लिए प्रति संस्था को वर्ष में 12 दिन संगोष्ठी हाल निःशुल्क दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों में चर्चा, सेमिनार, किताब-पाठ, किताब विमोचन, कहानी पाठ, कविता पाठ, लेखक से मिलिये सहित ऐसे ही अन्य आयोजन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि संस्थाओं को समय-समय पर सूचीबद्ध करने का अधिकार निदेशक, भाषा एवं संस्कृति को होगा। आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की सूचना उद्देश्य और विवरण सहित प्रबन्धक, गेयटी थियेटर सोसायटी को दो सप्ताह पूर्व देनी होगी। हाॅल पहले आओ, पहले पाओ आधार पर उपलब्ध करवाया जाएगा। उपलब्धता की तिथियों में टकराव की स्थिति में संस्थाएं परस्पर ताल-मेल से तिथियां तय कर सकेंगी। साहित्यिक संस्थाओं को अपने कार्यक्रम हर महीने या सप्ताह की किसी निश्चित तिथि को आयोजित करने की स्वतंत्रता होगी। यदि उक्त दिन कोई विभागीय कार्यक्रम प्रस्तावित होगा, तो संस्था का कार्यक्रम रद्द करना होगा या किसी अन्य दिन प्रस्तावित होगा।
उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध संस्थाएं हाॅल को पूर्ण जिम्मेदारी के साथ उपयोग में लाएंगी और आयोजन के दौरान हाॅल को किसी भी प्रकार के नुकसान पर आने वाला खर्च संस्था को वहन करना होगा। लापरवाही अथवा बार-बार क्षति करने की स्थिति में उस संस्था को तीन वर्ष या अधिक समय के लिए वज्र्य सूची में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हाॅल की सुविधा का लाभ रविवार एवं अवकाश सहित किसी भी दिन प्रातः 11 बजे से सायं 6 बजे तक किया जा सकेगा।
प्रवक्ता ने बताया कि विभाग, अकादमी, गेयटी ड्रामेटिक सोसायटी को सेमिनार हाॅल के उपयोग में प्राथमिकता रहेगी। भाषा एवं संस्कृति विभाग, अकादमी तथा अन्य सरकारी संस्थाओं, विभागों और अन्य निजी संस्थाओं को सेमिनार हाॅल के लिए निर्धारित शुल्क अदा करना होगा। यदि कोई सूचीबद्ध संस्था किसी कार्यक्रम के लिए विभाग से वित्तीय सहायता प्राप्त करती है तो उस कार्यक्रम के आयोजन के लिए निर्धारित शुल्क अदा करना होगा। यह दिशा-निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे और दिसम्बर, 2022 तक लागू रहेंगे।