- करसोग नलवाड़ मेले का आकर्षण बढ़ाने के लिए जनता से मांगे सुझाव
- क्षेत्र के समस्त देवी देवताओं को मेले में आमंत्रित करने में जुटी मेला कमेटी
आपकी खबर, करसोग।
जिला मंडी के उपमंडल करसोग में आयोजित होने वाले जिला स्तरीय नलवाड़ मेले के आयोजन को लेकरमेला कमेटी अध्यक्ष एवं एस.डी.एम. करसोग सन्नी शर्मा ने मेले के संरक्षण व संवर्धन में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय जनता से अपील की है। उन्होने कहा कि मेले के आकर्षण को बढ़ाने के लिए जनता से सुझाव मांगे गए हैं जिसके चलते जनता उनके कार्यालय में उनसे संपर्क कर सकती है। 5 से 11 अप्रैल तक करसोग के ममेल स्थित जरोड़दड़ मैदान में आयोजित होने वाले मेले के सफल आयोजन के लिए मेला कमेटी ने कसरत तेज कर दी है। मेला मैदान के सौंदर्यीकरण तथा मेले में पहुंचने वाले व्यापारियों, देवलुओं सहित जनता को सहूलियतें प्रदान करने के प्रबंधों को लेकर कमेटियों का गठन किया जा रहा है। कोरोना काल के चलते 2 वर्षो तक मेले का आयोजन नहीं हो पाया था। कोरोना की बंदिशें खुलने के बाद मेले के आयोजन को लेकर स्थानीय जनता उत्साहित है। इस उत्साह को देखते हुए मेला कमेटी ने स्थानीय जनता से मेले की रौनक में ईजाफा करने के लिए सुझाव आमंत्रित करते हुए कुछ नया करने का मन बना लिया है। जिसके चलते मेले में करसोग क्षेत्र के समस्त देवी देवताओं को आमंत्रित करने पर सहमति बना ली गई है। देवी देवताओं के मेला मैदान में पहुंचने व उनके वहां रूकने के लिए पुख्ता प्रबंध करने को लेकर भी तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि मेला कमेटी द्वारा क्षेत्र के सभी देवी देवताओं को मेले में आमंत्रित किया जाना तय है लेकिन मेले में शिरकत करने के लिए कितने देवी देवता हामी भरते हैं इसकी जानकारी मेले का शुभारंभ होते ही सामने आ पाएगी। इसके अलावा जनता के मनोरंजन के लिए मेले में सांस्कूतिक संध्याओं का खाका भी तैयार किया जा रहा है। सांस्कृतिक संध्याओं में प्रदेश के सुप्रसिद्ध गायक कलाकारों के अलावा स्थानीय कलाकार भी अपनी कला का जौहर दिखाएंगे। इसके अलावा खेलकूद प्रतियोगिताओं में मुख्य रूप से कुश्ती को शामिल करने के लिए भी मेला कमेटी प्रयास कर रही है। देवरथों के आगमन, सांस्कृतिक संध्याओं व खेलकूद प्रतियोगिताओं के अलावा विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियां मेले के मुख्य आकर्षण में शुमार रहेंगी। इस मर्तबा मेला मैदान को भी ठेके पर नहीं दिया जाएगा बल्कि मेला कमेटी मौके पर ही प्लॉट बनाकर व्यापारियों द्वारा लगाई गई बोली के आधार पर प्लॉट का आबंटन करेगी। पिछले कुछ समय से देखने में आया है कि मेले में पशुओं के क्रय विक्रय पर जनता विशेष रूचि नहीं दिखा रही है। जिसके चलते मेले में पशुओं का व्यापार नाममात्र का ही रह गया है। यदि मेले के दौरान कोई पशुओं को बेचने के लिए लाता है तो उसके लिए भी मेला कमेटी ने मेला मैदान के साथ ही स्थल चिन्हित कर लिया है। एस.डी.एम. सन्नी शर्मा ने बताया कि सांस्कृतिक धरोहर के परिचायक जिला स्तरीय नलवाड़ मेले के सफल आयोजन के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।