- श्रम कार्यालय झाड़माजरी में मजदूरों ने बनाई आगामी रणनीति
आपकी खबर, शिमला।
सीटू जिला कमेटी के आह्वान पर बीबीएन के मजदूरों ने यूनियनों के पंजीकरण व श्रम कानूनों को लेकर श्रम कार्यालय झाड़माजरी पर प्रदर्शन किया। सीटू ने चेताया कि अगर श्रम विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली दुरुस्त न की तो 28 एवं 29 मार्च को मजदूर हड़ताल करके श्रम कार्यालय की घेराबंदी करेंगे। प्रदर्शन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिलाध्यक्ष मोहित वर्मा, उपाध्यक्ष ओमदत्त शर्मा, महासचिव एन डी रणौत, मनदीप, रवि, अनिल, प्रमोद, प्रदीप, गुरदेव, रोहित ,सतेंद, रमेश, रामचन्द्र, चंदन, महेंद्र आदि मौजूद रहे।
दोपहर 11 बजे से शुरू हुआ मजदूरों का प्रदर्शन दोपहर दो बजे तक चला। इस दौरान सीटू कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन उग्र हो गया। सीटू कार्यकर्ता श्रम विभाग की कार्यप्रणाली से काफी खफा नज़र आए। वे 3 घण्टे तक नारेबाजी करते रहे। इस दौरान सीटू प्रतिनिधिमंडल श्रम अधिकारी से मिला व मांग-पत्र सौंपा। उन्होंने मांगों का तुरन्त समाधान मांगा जिस पर श्रम अधिकारी ने मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही सीटू कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त किया।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, एनडी रणौत, ओमदत्त शर्मा व मोहित वर्मा ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए आरोप लगाया कि बीबीएन का श्रम कार्यालय उद्योगपतियों के इशारों पर कार्य कर रहा है व कई-कई सालों तक यूनियनों का सत्यापन करने में आनाकनी कर रहा है। श्रम कार्यालय की इस लचर व पक्षपातपूर्वक कार्यप्रणाली के कारण मजदूरों को अपनी यूनियन का पंजीकरण करवाना नामुमकिन हो गया है। श्रम विभाग पूरी तरह पूंजीपतियों की गोद में बैठ गया है व मजदूरों की न्याय हासिल करने की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। मजदूरों के मांग-पत्र भी सालों से श्रम कार्यालयों की फाइलों में धूल फांक रहे हैं। श्रम कार्यालय की लचर कार्यप्रणाली व मिलीभगत के कारण उद्योगपति मजदूरों को पीड़ित कर रहे हैं। उन्हें यूनियन बनाने पर नौकरी से निकाला जा रहा है अथवा उनका प्रदेश से बाहर स्थानांतरण किया जा रहा है। कम्पनी व ठेका मजदूरों का मालिकों द्वारा भरपूर शोषण किया जा रहा है परन्तु श्रम विभाग मौन है। श्रम विभाग के अधिकारी मात्र इंस्पेक्शन करके अपनी डयूटी से पल्ला झाड़ रहे हैं व कम्पनी प्रबंधनों पर श्रम कानूनों की अवहेलना पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उन्होंने चेताया कि अगर मजदूरों की मांगों का तत्काल समाधान न हुआ तो बीबीएन के हज़ारों मजदूर 28-29 मार्च की दो दिवसीय हड़ताल के दौरान श्रम कार्यालय की ओर कूच करेंगे व अधिकारियों की घेराबंदी करेंगे। उन्होंने कहा कि बीबीएन के मजदूर अपने शोषण के विरुद्ध अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।