- सुंई-कुफरीधार पंचायत में काटल मेले के शुभारंभ पर पहुंचे थे विधायक
- विधायक के मंच संभालते ही विरोध में लगे नारों ने बढ़ाया सियासी पारा
आपकी खबर, शिमला।
जिला मंडी स्थित विधानसभा क्षेत्र करसोग में विधायक के खिलाफ लगे नारों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो उपमंडल करसोग के विकास खण्ड चुराग के तहत सुंई-कुफरीधार पंचायत में आयोजित ऐतिहासिक काटल मेले का है। गत बुधवार को आयोजित इस 3 दिवसीय मेले का सफलता पूर्वक समापन शुक्रवार को हो गया। लेकिन इसी बीच मेला मैदान में विधायक के विरोध में लगे नारों का वीडियो किसी ने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।
जानकारी के अनुसार 3 दिवसीय काटल मेले का शुभारंभ करने विधायक हीरा लाल बुधवार शाम मेला मैदान में पहुंचे तथा मेले में मौजूद देव रथों की पूजा अर्चना करने के बाद मेले का विधिवत शुभारंभ किया। मुख्यअतिथि के पांडाल में पहुंचने के बाद लोगों के मनोरंजन के लिए आयोजित सांस्कृतिक संध्या का आगाज किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच ही आयोजकों ने बतौर मुख्यअतिथि मेले में पहुंचे विधायक को मंच पर आमंत्रित किया। जनता को संबोधित करने के लिए विधायक के मंच पर पहुंचते ही पांडाल के पीछे कुछ लोगों ने हुटिंग शुरू कर दी तथा विधायक के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए।
विधायक ने जैसे ही अपना संबोधन शुरू किया तो कुछ लोग नारे लगाने लगे जिसके चलते मेला कमेटी के सभी सदस्य हैरान रह गए। चंद मिनटों मे ही विधायक के विरोध में नारे लगाने वाले पंडाल से निकल गए। इसी दौरान विधायक ने भी अपना संबोधन कुछ ही समय में समेटते हुए मेला कमेटी द्वारा की गई मांगों को पूरा करने की घोषणा करते हुए अपने वक्तव्य को विराम दे दिया। हालांकि अपने संबोधन के बाद विधायक ने कुछ समय तक मेले में आयोजित सांस्कृतिक संध्या का लुत्फ भी उठाया लेकिन मौके पर मौजूद भाजपा नेता इसी जानकारी को जुटाते रहे कि विधायक के विरोध में नारे लगाने वाले आखिरकार हैं कौन? कार्यकर्ताओं ने अपने स्तर पर इन लोगों की जानकारी जुटाने के लिए काफी प्रयास किए लेकिन नारे लगाने वालों के बारे सटीक जानकारी नहीं मिल पाई। विधायक के विरोध में नारे लगाने वाला वीडियो मेले के सम्पन्न होते ही सोशल मीडिया पर अपलोड़ हो गया जो वायरल हो रहा है। बहरहाल, विधायक के मंच संभालते ही विरोध में लगे नारों ने सियासी पारे को बढ़ा दिया है।
- हकीकत का पता लगने पर ही कुछ बोल पाऊंगा : हीरा लाल
करसोग हलके के विधायक हीरा लाल ने बताया कि हकीकत का पता लगने के बाद ही वह इस विषय में कुछ बोल पाएंगे। संबंधित क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की जाएगी तथा पता लगाया जाएगा कि विरोध में नारे लगाने वालों की मंशा क्या रही होगी।
मेला कमेटी के आग्रह पर वह बतौर मुख्यअतिथि मेले का शुभारंभ करने पहुंचे थे। करसोग हलके में चल रहे विकास कार्यों को लेकर उन्होंने कहा कि जयराम सरकार के कार्यकाल में तकरीबन 500 करोड़ रूपए विभिन्न योजनाओं पर खर्च किए जा रहे हैं।
- विधायक के खिलाफ क्यों लगे नारे जानकारी नहीं : चेतन गुलेरिया
मेले के शुभारंभ पर मौजूद चुराग-पांगणा जिला परिषद सदस्य चेतन गुलेरिया ने बताया कि विधायक के खिलाफ नारे क्यों लगे हैं उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली है। वह मंच पर विधायक के साथ मौजूद थे जबकि नारे पांडाल के पीछे कहीं लगाए जा रहे थे तथा मंच पर स्पष्ट नहीं सुनाई दे रहे थे। नारे कौन लोग लगा रहे थे उन्हें नहीं पता। ये काम शराब के नशे में धुत लोगों का हो सकता है।
- नारे लगाने वालों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर : कामेश्वर शर्मा
मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं सुंई-कुफरीधार के प्रधान कामेश्वर शर्मा ने बताया कि मेले में विधायक के खिलाफ नारे लगाने व माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। सोशल मीडिया से ही उन्हें भी जानकारी मिली है। नारे लगाने वालों की पहचान होते ही उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाएगी। मेले के सफल आयोजन के लिए 5 पंचायतों की संयुक्त कमेटी बनाई गई थी। मेले की गरिमा को ध्यान में रखते हुए हुडदंग मचाने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
- विकास की अनदेखी पर लगे नारे, शराबियों के सिर फोड़ा ठीकरा
स्थानीय लोगों की माने तो क्षेत्र के विकास की अनदेखी के चलते विधायक के खिलाफ नारे लगे हैं। क्षेत्र के विकास में बरती गई कोताही को लेकर कुछ लोगों का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा जब विधायक ने मंच संभाला। लोगों का कहना है कि क्षे्रत्र में न तो बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं और सडक़ों की हालत भी ठीक नहीं है। पूर्व सरकार ने पांगणा में पॉलीटेक्रीक कॉलेज खोलने की नोटिफिकेशन की थी जिसे वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालते ही रद्द कर दिया। रोजगार के मामले में भी सरकार युवाओं के लिए कुछ नहीं कर पाई है।
विधायक के समक्ष लगे नारों को लेकर भाजपा नेताओं ने इसका ठीकरा शराबियों के सिर पर फोड़ा है। तर्क दिया जा रहा है कि शराबियों ने हुडदंग मचाते हुए विधायक के खिलाफ नारेबाजी की है जिसका कोई औचित्य नहीं है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि मेले में शराब के नशे में धुत हुडदंग मचाते हुए विधायक के खिलाफ नारेबाजी करने वालों के खिलाफ मौके पर मौजूद पुलिस ने एक्शन क्यों नहीं लिया? मेले में मौजूद लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इन लोगों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? बहरहाल, विधायक के खिलाफ हुई नारेबाजी को लेकर चुनावी वर्ष के चलते भाजपा करसोग में बैकफुट पर आ गई है।