- बच्चों का भविष्य बनाने वाले आज सड़कों पर उतरने को मजबूर
- बोले, 130 के करीब कॉलेजों के प्रोफेसरों को अभी तक पे स्केल देने का निर्णय सरकार ने नहीं लिया
आपकी खबर, शिमला।
हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने कहा है कि हिमाचल को शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य माना जाता है लेकिन प्रदेश सरकार के रवैये से हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ रहा है।
प्रदेश के सभी कॉलेजों में 12 मई से पेपर चेक करने का कार्य सभी शिक्षकों ने बंद किया हुआ है और यूनिवर्सिटी के टीचर भी पेपर चेक नहीं कर रहे है। 23 मई को प्रदेश के सभी कॉलेजों में टीचर्स ने एक दिन की भूख हड़ताल की थी और उसके बाद रोज एक घंटे का धरना सभी कॉलेज में दे रहे है।
नेगी निगम भंडारी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अधिकतर विभागों को 2018 से लंबित 7वें पे स्केल इस वर्ष फरवरी से देना आरंभ किया, लेकिन हिमाचल प्रदेश के सरकारी तीन विश्वविद्यालयों और 130 के करीब कॉलेजों के प्रोफेसरों को अभी तक पे स्केल देने का निर्णय सरकार ने नहीं लिया है। उन्होंने ने कहा कि इसके खिलाफ सभी प्रोफेसरों में भारी रोष है। सरकार के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये से प्रदेश का सबसे शिक्षित वर्ग आहत है।
उन्होंने कहा कि इस सब में सबसे ज्यादा नुकसान प्रदेश के हज़ारों छात्रों का हो रहा है। समय पर पेपर चेक न होने से उनके रिजल्ट में देरी होगी और आगे एडमिशन लेने में भी देरी होगी।
नेगी ने कहा कि खास तौर पर जिन छात्रों ने प्रदेश से बाहर शिक्षा के लिए जाना है वो समय पर रिजल्ट न आने के कारण एडमिशन नही ले पाएंगे। अगर सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो प्रोफेसर सचिवालय का घेराव करेंगे और बच्चों की पढ़ाई और एडमिशन का कार्य भी रोक देंगे। इससे छात्रों का और अधिक नुकसान होगा।
इसके अलावा प्रदेश के 80 कॉलेजो में कई सालों से प्रिंसिपल नहीं है यानी आधे से ज्यादा कॉलेज में प्रिंसिपल नहीं है। जो राज्य शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश मे नम्बर एक होता था।
उन्होंने कहा कि बच्चों का भविष्य बनाने वाले आज सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए है। प्रदेश में अधिकतर विभाग सरकार से दुखी थे अब कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी उस लिस्ट में आ गए है। नेगी ने कहा कि जल्द से जल्द इनकी मांगो को नहीं माना तो हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस उग्र आंदोलन की चेतावनी देती हैं।