- टिकट आबंटन पर कांग्रेस की माथापच्ची, देर रात स्क्रीनिंग कमेटी ने तय की सूची
- 68 विधानसभा सीटों पर 730 आवेदन मिलने से बढ़ी मुश्किलें
- पार्टी जिताऊ उम्मीदवारों को ही देगी टिकट, अभी तक 25 नाम ही फाइनल
आपकी खबर, शिमला।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। इस चुनाव में भाजपा को घेरने की पूरी रणनीति तैयार की जा रही है। आज तक के इतिहास में किसी भी पार्टी को रिपीट का मौका नहीं मिला है। हालांकि जयराम सरकार इस प्रचार में लगी है कि हम प्रदेश में मिशन रिपीट करेंगे।
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस बार केवल जिताऊ उम्मीदवारों को ही टिकट मिलेगा। हालांकि पार्टी के पास 68 विधानसभा सीटों के लिए 730 आवेदन प्राप्त हुए हैं। ऐसे में टिकट के लिए माथापच्ची होना स्वाभाविक है। देर रात स्क्रीनिंग कमेटी ने कुछ टिकट भी फाइनल कर दिए हैं। पार्टी का यह भी कहना है कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बड़ा फेरबदल मौजूदा विधायकों की सीटों पर फिलहाल नहीं करेगी। स्क्रीनिंग कमेटी ने सभी मौजूदा विधायकों को दोबारा मैदान में उतारने की सिफारिश पर भी मुहर लगा दी है।
इसके साथ ही अब मौजूदा विधायकों के नामों की सूची केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष भेजी जाएगी। इसके अलावा दो पूर्व अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर और विनय कुमार के नाम पर भी सहमति बन गई है, जबकि दो अन्य पूर्व अध्यक्ष विप्लव ठाकुर और कुलदीप सिंह राठौर की सीटें देर रात तक चली माथापच्ची के बावजूद साफ नहीं हो पाई हैं। इसके साथ ही चारों राष्ट्रीय सचिव को बिना किसी रोकटोक के टिकट देने पर फैसला हुआ है। इनमें से एक नाम कुसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह का भी है और वह विधायकों के पैनल में भी शामिल हैं। स्क्रीनिंग कमेटी ने बुधवार को प्रदेश चुनाव समिति की सिफारिशों से इस बैठक की शुरुआत की। देर रात तक लगातार स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक चलती रही। स्क्रीनिंग कमेटी इस बैठक में सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों पर चर्चा करेगी। इसके साथ ही प्रदेश से दिल्ली तक पहुंचे सभी 730 आवेदनों पर विचार किया जा रहा है। हालांकि अभी केवल 25 सीटों पर ही टिकट फाइनल हो पाए हैं।
कमेटी से यह बात भी सामने आई है कि स्क्रीनिंग कमेटी में मौजूदा विधायकों के नाम पर मंथन हुआ है और सभी विधायकों की टिकट बरकरार रखने पर फिलहाल सहमति जरूर बन गई। जिन सीटों पर सहमति बनी है उनमें से 20 मौजूदा विधायक, चार सचिव और दो पूर्व प्रदेशाध्यक्ष हैं।
इन सभी के नाम आगामी निर्णय के लिए केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे जाएंगे। कांग्रेस की 30 से ज्यादा सीटों पर फैसले बुरी तरह से फंस गए है। बहरहाल जो भी हो सभी नामों पर अंतिम मुहर केंद्रीय चुनाव समिति ही लगाएगी।