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हिमाचल को टीबी मुक्त राज्य बनाने में उद्योगपति भी आगे आएं : राज्यपाल

  • हिमाचल को टीबी मुक्त राज्य बनाने में उद्योगपति भी आगे आएं : राज्यपाल
  • राज्यपाल ने नालागढ़ में भारतीय उद्योग परिसंघ की ‘मेम्बर्ज़ मीट’ की अध्यक्षता की
  • महत्वपूर्ण योगदान देने का किया आह्वान

आपकी खबर, नालागढ़। 

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने हिमाचल प्रदेश को टीबी मुक्त राज्य बनाने में उद्योगपतियों से महत्वपूर्ण योगदान देने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को आर्थिक विकास के साथ-साथ इस कार्य में भी अपना योगदान देना चाहिए।

राज्यपाल आज सोलन जिले के नालागढ़ में क्षेत्र के उद्योगों की ओर से बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक संघ (बीबीएन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) एवं भारतीय उद्योग परिसंघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘मेम्बर्ज मीट’ को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन का मुद्दा सामुदायिक स्वास्थ्य से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित किया है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज विश्व के अधिकतर देशों में क्षय रोग का उन्मूलन हो चुका है लेकिन भारत में अभी भी ऐसे मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। इसी के दृष्टिगत प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हांेने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2023 तक राज्य को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। है। उन्होंने कहा कि अगर टीबी के मरीज सही समय पर अपना इलाज करवाएं तो निश्चित तौर पर हम इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि आज हमें टीबी उन्मूलन के लिए सामुदायिक रुप से साझा प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक संघ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संघ ने जरूरत के अनुसार अपने सामाजिक दायित्वों का हमेशा निर्वहन किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वर्ष 2023 तक संघ के प्रयासों से प्रदेश टीबी मुक्त हो जाएगा।

राज्यपाल ने लोगों से व्यक्तिगत रूप से इस अभियान का हिस्सा बनने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को इस दिशा में दूसरों को प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कार्य करना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने लोगों से क्षय रोग से पीड़ित एक व्यक्ति को गोद लेने और उनकी हर प्रकार सहायता की जिम्मेदारी लेने की अपील की। उन्होंने कहा वर्तमान आंकड़ों के अनुसार भारत में टीबी के 12.30 लाख मामले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2021 में प्रति लाख जनसंख्या पर 191 टीबी मामले हैं। वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कुल 14492 टीबी के मामले हैं, जिनमें से 2.6 प्रतिशत जनजातीय क्षेत्रों में, 74 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों और 23.4 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में हैं।

राज्यपाल के सचिव एवं राज्य रेडक्रॉस सोसाइटी के महासचिव राजेश शर्मा ने प्रदेश में सोसाइटी की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने उद्योगपतियों से रेडक्रॉस गतिविधियों से जुड़ने और संकट के समय जरूरतमंदों की मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने निःक्षय पोर्टल में पंजीकरण् करने के लिए अपनी सहमति प्रदान करने वाले राज्य के 9000 टीबी रोगियों की मदद के लिए आगे आने का भी आग्रह किया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उप प्रबंध निदेशक गोपाल बेरी ने राज्यपाल का स्वागत किया और पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने निःक्षय 2.0 पोर्टल के अपेक्षित परिणामों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने वाले हिमाचल प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया है।

इस अवसर पर सी.आई.आई. हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष सुबोध गुप्ता ने राज्यपाल को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि बीबीएन क्षेत्र के उद्योगपतियों ने कोरोना संकट काल में लोगों की मदद करने में बढ़चढ़ कर योगदान दिया और उद्योगपतियों से निगमित सामाजिक दायित्व गतिविधियों के तहत सामाजिक कार्यों में योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि माइक्रोटेक कंपनी आने वाले दो वर्षों में राज्य में टीबी उन्मूलन अभियान के लिए एक करोड़ रुपये प्रदान करेगी। उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं पर भी प्रकाश डाला।

बीबीएनआईए के अध्यक्ष राजेन्द्र गुलेरिया ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि औद्योगिक संघ के सहयोग से निश्चित रूप से टीबी के उन्मूलन के लक्ष्य का प्राप्त कर लिया जाएगा। उन्होंने बीबीएन की विभिन्न आर्थिक गतिविधियों की भी जानकारी प्रदान की।

सीआईआई हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष गगन कपूर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

इससे पहले, महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने के दृष्टिगत बीबीएन पुलिस द्वारा शुरू किए गए ‘जागृति अभियान’ के प्रथम वार्षिक उत्सव को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने और पुरुष प्रधान समाज की मानसिकता बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हम सभी को कार्य करना होाग। उन्होंने बद्दी में बीबीएन पुलिस के माध्यम से हो रहे इस कार्यक्रम पर संतोष व्यक्त किया।

 

उन्होंने इस अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि नवरात्रि का यह कार्यक्रम, नारी शक्ति के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि जागरूकता अपने आप में सशक्तिकरण का द्योतक है। उन्होंने कहा कि जागृति के रूप में यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमें उन लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो जमीन से जुड़कर कार्य कर रहे हैं और ऐसे व्यक्ति समाज के लिए प्रेरक शक्ति हैं।

हिमाचल प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष डेजी ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत किया और जागृति अभियान शुरू करने के लिए बद्दी पुलिस के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम और योजनाएं चलाई जा रही हैं और इन कार्यक्रमों को लक्षित समूहों तक पहुंचाना अधिक आवश्यक है।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने राज्यपाल का स्वागत एवं सम्मान किया तथा जागृति अभियान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत पुलिस जिले की 32000 से अधिक महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और कानूनी अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस पहल के सफल क्रियान्वयन के लिए बद्दी पुलिस को ‘स्कॉच’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि बद्दी पुलिस प्रतिक्रियाशील जुड़ाव से सक्रिय जुड़ाव की ओर बढ़ रही हैं’। इस अवसर पर ‘जागृति’ विषय पर एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, बीबीएनडीए की सीईओ ऋचा वर्मा, सोलन की उपायुक्त कृतिका कुल्हरी तथा पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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