आपकी ख़बर, शिमला।
जेओए-आईटी पेपर लीक मामले को लेकर आज राज्य के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू सामने आए हैं। उन्होंने शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व जयराम सरकार को आड़े हाथ लिया। सीएम सुक्खू ने आरोप लगाया कि पेपर लीक जैसी धांधलियां पहले होती रहीं लेकिन पूर्व जयराम सरकार सोती रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग के कामकाज को फिलहाल सस्पेंड कर दिया है। जो कर्मचारी दोषी पाए गए हैं, उनको निलंबित कर दिया है, जबकि बाकियों को शिमला बुला लिया गया है। सीएम ने कहा कि फिलहाल भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। हम अब आगे की परीक्षाओं पर अध्ययन कर रहे हैं कि किस प्रकार पारदर्शी तरीके से इन्हें आयोजित करवाया जाए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि अगले 60 दिन के भीतर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाएगी और हिमाचल को जो 14 लाख बेरोजगार नौकरी पाने का सपना संजोए बैठे हैं, उन्हें पारदर्शी तरीके से मौका दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि जो पिछली सरकार , उसने भी कई गलतियां हैं और आने वाले समय मेें कई सनसनीखेज खुलासे प्रदेश सरकार करेगी। सीएम ने कहा कि पेपर लीक मामले में, जो महिला कर्मचारी पकड़ी गई है, उसके बेटे ने टॉप किया था। उस समय भाजपा की सरकार थी, पर उसकी आंखें नहीं खुलीं। आगे की भर्तियों पर सीएम ने कहा कि जिन भर्ती में युवाओं का चयन हुआ है या इंटरव्यू हुआ है, उन्हें दोबारा किस ऐजेंसी से करवाया जाएगा, उस पर फैसला जल्द लिया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों ने पेपर पास किए हैं, उनके इंटरव्यू करवाए जाएंगे, लेकिन इसमें देखा जाएगा कि उस टेस्ट का कहीं पेपर तो लीक नहीं हुआ है। सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पर काम किया जाएगा।