- इन महिलाओं को मिलेगा 1500 रुपए महीना, खाका तैयार
आपकी खबर, शिमला।
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने अपनी चुनावी वादे की दूसरी गारंटी पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए बाकायदा कैबिनेट सब कमेटी भी बनाई गई है। इस कमेटी में धनीराम शांडिल, चंद्र कुमार और अनिरुद्ध सिंह को शामिल किया गया है। राज्य सचिवालय में कैबिनेट सब कमेटी ने इस गारंटी पर मंथन किया।
हिमाचल प्रदेश में 18 से 59 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को 1,500 रुपये प्रतिमाह देने के लिए घोषित मुख्यमंत्री नारी सम्मान योजना को लेकर कमेटी की पहली बैठक में 1,500 रुपये मासिक देने के लिए 14,19,492 महिलाएं पात्र मिली हैं। इस राशि को देने पर सुक्खू सरकार पर सालाना करीब 4,000 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा। इस आयु वर्ग की कुल 22 लाख महिलाओं में से 8.21 लाख महिलाएं इस योजना के दायरे से बाहर पाई गई हैं।
कांग्रेस की दूसरी गारंटी पूरी करने के लिए महिलाओं की पात्रता तय करने को लेकर गहन मंथन हुआ। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कृषि मंत्री चंद्र कुमार और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
मंत्री शांडिल ने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल 68,64,602 की आबादी में से 18 से 59 आयु वर्ग की 22,40,492 महिलाएं हैं। 8,21,000 महिलाओं के पास नियमित आय के साधन हैं या वे सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के दायरे में पहले से लाभान्वित हो रही हैं।
इनमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन वाली 10,500, मानदेय प्राप्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका और आशा वर्कर 46,000, सरकारी कर्मचारी 2,25,000, सरकारी सेवा की पेंशनर 1,90,000, भूतपूर्व सैनिक 1,19,000, सैनिक विधवाएं 36,000, केंद्र सरकार के अंतर्गत विभिन्न सेवाओं जैसे रेलवे, सेना, अर्धसैनिक बलों और सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत व पेंशनभोगी हिमाचली 1,00,000 और प्रदेश में आयकरदाता महिलाओं की संख्या 78,000 है।
शांडिल ने कहा कि परिवार की प्रगति व उत्थान में महिलाओं की भूमिका को और अधिक सशक्त करने व उनके योगदान को उचित सम्मान देने के लिए प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से मुख्यमंत्री नारी सम्मान योेजना लागू होगी।
मंत्री धनीराम शांडिल ने बताया कि 1,500 रुपये मासिक देने की योजना के तहत एक परिवार से एक ही महिला को शामिल किया जाएगा। सरकार इसको लेकर जल्द फैसला लेगी। कैबिनेट के समक्ष पूरा प्रस्ताव रखा जाएगा। इसका मतलब ये है कि सरकार अपनी दूसरी गारंटी को देने के लिए सजीदा दिख रही है।