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राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस ने बताया कि विभाग ने जीएसटी प्रणाली में धोखाधड़ी करने वालों को पंजीकरण चरण में ही रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को पंजीकरण आवेदनों में नियमित रूप से फर्जी विवरण घोषित करने वाले व्यक्तियों से आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। टैक्स अधिकारियों द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया का अनुपालन किया जाएगा जिससे टैक्स धोखाधड़ी करने वालों को जीएसटी प्रणाली में पंजीकरण से पूर्व ही रोका जा सकेगा। इसके अंर्तगत पंजीकरण की तिथि के 30 दिनों के भीतर बिजली बिल, किराये के समझौते, खरीद दस्तावेजों का उचित मूल्यांकन तथा भौतिक सत्यापन अनिवार्य है। टैक्स अधिकारियों द्वारा आवेदक द्वारा प्रदान की गई जानकारी का आधार कार्ड से भी मूल्यांकन किया जाएगा। यदि आवेदक हिमाचल का निवासी नहीं है, तो अन्य संदर्भ पहचान से उसका सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया निर्धारित समयावधि में पूर्ण की जाएगी, इसलिए डीम्ड अनुमोदन को नहीं माना जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जोनल व जिला प्रभारियों को समय समय पर समीक्षा कर इस प्रक्रिया का प्रभावी कार्यान्वयन करने के निदेश दिए गए हैं।