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हिमाचल : सरकारी स्कूलों में किताबें भी हुई महंगी, शिक्षा बोर्ड ने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई जाने वाली किताबों की कीमतें बढ़ाई

  • हिमाचल : सरकारी स्कूलों में किताबें भी हुई महंगी, शिक्षा बोर्ड ने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई जाने वाली किताबों की कीमतें बढ़ाई

आपकी खबर, शिमला।

अब सरकारी स्कूलों के बच्चों की किताबें भी महंगी हो गई हैं। जी हां, हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई जाने वाली किताबों की कीमतें बढ़ा दी हैं। कई किताबें इस बार 10 से लेकर 40 रुपये तक महंगी मिलेंगी।

 

तीसरी कक्षा में शुरू हुई संस्कृत विषय की किताब के लिए भी अभिभावकों को 47 रुपये चुकाने होंगे। स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से किताबों के मूल्य में की गई वृद्धि का असर बोर्ड से संबद्धता प्राप्त निजी स्कूलों पर पड़ेगा। सरकारी स्कूलों में 10वीं कक्षा तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को निशुल्क किताबें मिलती हैं। बोर्ड ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 में विद्यार्थियों को मुहैया करवाई जाने वाली किताबों के मूल्यों में वृद्धि की है। मूल्य वृद्धि 10वीं कक्षा तक के लिए प्रिंट करवाई गई किताबों में रहेगी। 11वीं और 12वीं कक्षा की किताबों के दाम नहीं बढ़ेंगे। सबसे ज्यादा वृद्धि मारीगोल्ड, मैथ मैजिक, गणित का जादू, मैथेमैथेटिक्स और लुकिंग अराउंड सीरिज की किताबों के मूल्य में हुई है। बताया जा रहा है कि इस बार बोर्ड की ओर से प्रिंट करवाई गई कई किताबों में पृष्ठों की संख्या भी अधिक है। ऐसे में कीमतें बढ़ाई गई हैं।

 

पेपर का मूल्य बढ़ने के कारण हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से मुहैया करवाई जाने वाली कुछ किताबों के मूल्यों में वृद्धि हुई है। पेपर की कीमत में 44 फीसदी वृद्धि हुई है। इसके अलावा कवर पेपर के मूल्य में 53 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जबकि, अधिकतर किताबों का मूल्य पिछले वर्ष की तरह ही रखा गया है। जिन किताबों के मूल्य में वृद्धि हुई है, उनमें पृष्ठों की संख्या भी बढ़ी है।

डॉ. निपुण जिंदल, अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड।

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