जनता ने स्वास्थ्य महकमें की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
आपकी ख़बर, करसोग।
जिला मंडी के उपमंडल करसोग में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। घरद्वार पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा होने के बावजूद भी जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटकना पड़ रहा है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के सरकारी दावे स्वास्थ्य महकमें की फाईलों तक ही सिमट कर रह गए हैं। जनता की सुविधा के लिए सरकार ने उपमंडल करसोग के विकास खण्ड चुराग में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो खोल दिया लेकिन यह केंद्र जनता को सुविधाएं प्रदान नहीं कर पा रहा है। केंद्र में तैनात एक मात्र डाक्टर का डेपुटेशन चुराग से करसोग स्थित सिविल अस्पताल में किया गया है। जिसके चलते मरीजों को भी चुराग से तकरीबन 20 कि.मी. दूर करसोग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। बीते शुक्रवार को रोजाना की तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया तथा थोड़ी ही देर में ईलाज करवाने के लिए वहां मरीज भी पहुंच गए। लेकिन केंद्र में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि डाक्टर साहब यहां नहीं है तथा वह डेपुटेशन पर करसोग गए हैं। पूछने पर कर्मियों ने बताया कि डाक्टर साहब अब सोमवार को ही आएंगे। यदि किसी मरीज को दवाई चाहिए तो वह स्वास्थ्य केंद्र से ले सकता है। केंद्र में ईलाज करवाने पहुंचे कुछ मरीजों ने स्वास्थ्य कर्मियों के कहने पर दवाईयां तक ले ली। लेकिन यहां सवाल खड़ा होना लाजमी है कि बिना डाक्टर के परामर्श से अस्पताल कर्मी दवाईयों का आवंटन कैसे कर सकता है? दवाईयों का सेवन करने के लिए कितनी मात्रा में दवाई लेनी है इसकी जानकारी तक मरीजों को नहीं है। ऐसे में मर्ज का पता लगाए बगैर ही दवाईयों का सेवन करना मरीजों की सेहत पर भारी पड़ सकता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर के न होने के चलते दर्जनों मरीजों को परेशान होना पड़ा। कुछ मरीज तो दवाई लेकर वापिस घर लौट गए जबकि कुछ मरीजों को निजी क्लीनिकों का रूख करना पड़ा। इतना ही नहीं कुछ मरीजों को ईलाज करवाने के लिए करसोग स्थित सिविल अस्पताल पहुंचना पड़ा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ईलाज करवाने पहुंचे मरीजों व तीमारदारों ने स्वास्थ्य महकमें की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि सरकार ने चुराग व इसके आस पास रहने वाली जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चुराग में डाक्टर की तैनाती की है। करसोग सिविल अस्पताल में डाक्टर का डेपुटेशन करना तर्क संगत नहीं है। जनता ने सरकार से मांग की है कि भविष्य में डाक्टर का डेपुटेशन सिविल अस्पताल के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
खण्ड स्वास्थ्य अधिकारी (बी.एम.ओ.) डा. राकेश ठाकुर ने बताया कि सिविल अस्पताल करसोग में डाक्टरों की कमी है। ऐसे में आस पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात डाक्टर की सेवाएं बतौर डेपुटेशन सिविल अस्पताल में ली जाती हैं। पी.एच.सी. चुराग के डाक्टर का डेपुटेशन शुक्रवार के लिए करसोग में किया गया था। शनिवार को उन्हें वापिस चुराग भेज दिया जाएगा।