हिमाचल

चिल्ड्रन आफ द स्टेट के रूप में राज्य सरकार करेगी अनाथ बच्चों की देखभाल

करसोग में 67 अनाथ बच्चे मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के लिए सर्वेक्षण में चिन्हित

आपकी खबर, मंडी।
प्रदेश सरकार ने अपने पहले ही निर्णय में समाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता प्रदान करते हुए बेसहारा बुजुर्गो, अनाथ, निराश्रित बच्चों और एकल नारी आदि के संबंध में निर्णय लेकर अपने इरादें जाहिर कर दिए है, कि उनकी सरकार में कोई भी व्यक्ति अपने-आप को बेसहारा, लाचार महसूस नहीं करेगा, बल्कि राज्य सरकार उनकी पालन हार है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐसे लोगों की सहायता हेतू मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना व इस संबंध में एक विशेष कोष स्थापित कर, इसे साबित भी किया है। इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए ऐसे पात्र लाभार्थियों को चिन्हित कर, उन्हें लाभान्वित करने की प्रक्रिया शुरू होे गई है। जिसके अन्तर्गत प्रदेश भर में ऐसे बच्चों का सर्वेक्षण कर, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। मंडी जिला के उपमंडल करसोग में राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत लाभान्वित किए जाने वाले अनाथ बच्चों के सर्वेक्षण के अन्तर्गत 67 पात्र बच्चों को सर्वेक्षण में चिन्हित किया गया है। जिनकी देखभाल राज्य सरकार द्वारा चिल्ड्रन आफ दी स्टेट के रूप में की जाएगी। यह सर्वेक्षण हिमाचल प्रदेश राज्य बाल विकास विभाग की ओर से किया गया है। सर्वेक्षण में 0 से 27 वर्ष तक के बच्चों व युवाओं को चिन्हित किया गया है। जिनकी देखभाल करने वाला अपना कोई नहीं है। जिनके माता-पिता इस दुनिया को अलविदा कह चुके है और यह बच्चे अपने रिश्तेदारों या फिर अन्य लोगों के पास या अनाथालयों में अपने जीवन की गुजर-बसर कर अपने जीवन को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे है। सर्वेक्षण में योजना के लिए चिन्हित किए गए सभी पात्र 67 अनाथ बच्चों में 0 से 18 वर्ष तक आयु वर्ग के 28 जबकि 19 से 27 वर्ष आयु वर्ग के 39 बच्चें शामिल है। सर्वेक्षण में पात्र पाए गए सभी बच्चों को चिल्ड्रन आफ द स्टेट के रूप में लाभान्वित किया जाएगा। इनकी देखभाल करना अब राज्य सरकार का जिम्मा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के उपरांत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सचिवालय जाने से पहले अनाथ आश्रमों में रहने वाले बच्चों से मिलकर उनके लिए सुखाश्रय योजना की घोषणा की थी और उनकी देखभाल करने का बीड़ा राज्य सरकार ने उठाते हुए, इसके लिए सुखाश्रय कोष भी स्थापित किया है। जिसके माध्यम से राज्य सरकार अब इन बच्चों की चिल्ड्रन आफ द स्टेट के रूप में देखभाल कर रही है। प्रदेश सरकार ने कानून पारित कर राज्य के लगभग 6000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन आफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है। इनकी देखभाल की जिम्मेवारी भी अब राज्य सरकार की है। जिसके अन्तर्गत ही करसोग उपमंडल में किए गए सर्वेक्षण में पात्र पाए गए 67 बच्चों को भी योजना के तहत लाभान्वित किया जाना है। मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना का उद्देश्य जरूरतमंद निराश्रित बच्चों और महिलाओं को उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान करना है। राज्य सरकार ऐसे बच्चों के कौशल विकास शिक्षा, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर होने वाले खर्च को वहन करेगी। योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले बच्चे, पालक देखभाल के तहत लाभान्वित होने वाले सभी बच्चे, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन में रहने वाली निराश्रित महिलाएं और वृद्धाश्रम में रहने वाले लोग लाभान्वित होंगे। बाल विकास परियोजना अधिकारी करसोग विपासा भाटिया ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत लाभाविन्त किए जाने वाले लाभार्थियों का सर्वेक्षण किया गया है। सर्वेक्षण में करसोग क्षेत्र में 67 बच्चे चिन्हित किए गए हैं।

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