डीएसपी सहित पुलिस जवानों के तबादले को लेकर लिखा गया था पत्र
आपकी खबर, करसोग।
प्रदेश मुख्यमंत्री को लिखे गए झूठे शिकायत पत्र को लेकर करसोग पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस शिकायत पत्र में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए लोगों ने करसोग में तैनात पुलिस जवानों सहित डी.एस.पी. के तबादले की मांग सरकार से की थी। काबिलेगौर है कि क्षेत्र में गत वर्ष नशे की ओवरडोज से युवक की मौत हो गई थी जिस पर पुलिस ने कार्यवाई करते हुए मामला दर्ज किया था। इस मामले में एक युवक को भी हिरासत में लिया गया था। पुलिस की कार्यवाई पर कुछ लोगों ने असंतोष जताया तथा कार्यवाई में कोताही बरतने के आरोप पुलिस पर लगाए। इसी दौरान कुछ लोगों ने योजना बनाकर स्थानीय लोगों के हस्ताक्षर करवा कर शिकायत पत्र सीएम सहित डीजीपी को भेज दिया। पत्र में करसोग में तैनात सभी पुलिस जवानों सहित डीएसपी गीतांजलि ठाकुर का स्थानांतरण करने की गुहार लगाई गई। शिकायत पत्र में पुलिस द्वारा ठोस कार्यवाई न करने व मामले में संलिप्त लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगाया गया। शिकायत पत्र में 68 लोगों ने हस्ताक्षर किए तथा पुलिस के खिलाफ उचित कार्यवाई करने की मांग की गई। इस शिकायत पत्र की जांच करने पर जब सभी 68 लोगों से पुलिस ने पूछताछ की तो सभी ने साफ तौर पर मना कर दिया कि हमसे कोरे कागज पर केवल हस्ताक्षर करवाए गए हैं। हस्ताक्षर यह कह कर करवाए गए कि करसोग में नशा माफिया सक्रिय है तथा युवाओं को नशे के चंगुल से बचाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा हस्ताक्षर किया गया दस्तावेज शिकायत पत्र में कैसे बदल गया, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ तथा पुलिस के खिलाफ भेजी गई शिकायत पूरी तरह से झूठी निकली। प्रदेश मुख्यमंत्री सहित डीजीपी को भेजे गए झूठे शिकायत पत्र पर करसोग पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज की है। मृतक युवक के पिता ने एफआईआर दर्ज करवाई है। पुलिस को शिकायत सौंपते हुए मृतक युवक के पिता ने कहा कि स्थानीय युवक ने कोरे कागज पर लोगों के हस्ताक्षर करवाए थे। इस कागज पर उन्होने हस्ताक्षर नहीं किए जबकि शिकायत पत्र पर उनके हस्ताक्षर हैं जो नकली हैं। वहीं, झूठे शिकायत पत्र को लेकर डी.एस.पी. करसोग गीतांजलि ठाकुर ने बताया कि पुलिस पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ अपना कार्य कर रही है। करसोग के ही एक युवक ने पुलिस की छवि धूमिल करने के लिए झूठा पत्र तैयार कर सरकार व विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजा था। झूठे शिकायत पत्र को लेकर पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।