सिरमौर

दशकों पुरानी मांग पूर्ण; सिरमौर जिला का हाटी समुदाय अनुसूचित जनजाति में शामिल, राष्ट्रपति ने बिल पर किए हस्ताक्षर

154 पंचायतों के पौने दो लाख लोगों को लाभ

आपकी ख़बर, शिमला।

सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र के 154 पंचायतों के करीब पौने दो लाख हाटी कबीला अब अनुसूचित जनजाति में शामिल हो गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद लोकसभा व राज्यसभा में बिल पारित होने के पश्चात देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संशोधित अनुसूचित जनजाति विधेयक को मंजूरी प्रदान कर इस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। सिरमौर जिला के पौने दो लाख से अधिक लाभान्वित होने वाले परिवारों ने इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया है। शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाटी को अनुसूचित जनजाति बिल पर हस्ताक्षर कर इस पर अंतिम मुहर लगा दी है। जैसे ही राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की सूचना समूचे सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र में पहुंची तो पूरे जिला में मानों उत्सव का माहौल हो गया।

केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डा. अमी चंद, महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेंद्र हिंदुस्तानी समेत कर्नल नरेश चौहान, प्रो. जोगी राम चौहान, बहादुर सिंह ठाकुर, ईं. एसआर तोमर, गीता राम तोमर आदि पदाधिकारियों ने उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शांता कुमार व प्रेम कुमार धूमल, शिमला के सांसद एवं पूर्व अध्यक्ष भाजपा सुरेश कश्यप, पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप, सांसद डा. सिकंदर कुमार व शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर का आभार जताया है। वहीं, हाटी समुदाय ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल का भी थैंक्स कहा है। राज्यसभा में यह बिल 26 जुलाई को पास हो था। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद सिरमौर जिला के पौने दो लाख हाटी समुदाय में जश्न का माहौल है।

राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद सिरमौर जिला की 154 पंचायतों के पौने दो लाख हाटी समुदाय के लोगों को 55 वर्ष बाद उनका अधिकार मिल गया है। इससे जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के राजगढ़ विकास खंड की 33 पंचायतें, नगर पंचायत राजगढ़, शिलाई विधानसभा क्षेत्र की 35, रेणुका विधानसभा क्षेत्र की 44, पांवटा विधानसभा क्षेत्र की 18 व तिलोरधार विकास खंड की 23 पंचायतें लाभान्वित होंगी।

हाटी अनुसूचित जनजाति विधेयक का कानून बनने के बाद हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की संशोधित सूची में नए सूचीबद्ध समुदाय के सदस्य भी सरकार की मौजूदा योजनाओं के तहत अनुसूचित जनजाति का लाभ ले सकेंगे। इसमें सरकारी नौकरी के अलावा शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय फैलोशिप, उच्च शिक्षा, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम से रियायतों के अलावा अन्य लाभ मिलेंगे।

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