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आदि कैलाश की कठिन यात्रा का रोमांच लेकर लौटे पांगणा के युवा

  • आदि कैलाश की कठिन यात्रा का रोमांच लेकर लौटे पांगणा के युवा

आपकी खबर, करसोग। 16 सितंबर, 2023

अपने अलौकिक सौंदर्य से परिपूर्ण आदि कैलाश भगवान शिव का निवास स्थान है। श्रद्धा और सौंदर्य का अनूठा स्थल आदि कैलाश विशिष्ट भौगोलिक स्थिति लिए न केवल भारत चीन, तिब्बत, नेपाल अपितु पूरे विश्व में अपना अलग स्थान रखता है।

आदि कैलाश न केवल धार्मिक पर्यटकों को आकर्षित करता है बल्कि यहां की प्राकृतिक छटा प्रकृति प्रेमी पर्यटकों के मन को जादुई आकर्षण से मोह लेती है। यह पावन स्थल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हिमालय पर्वत श्रृंखला पर भारत की तिब्बत सीमा पर स्थित है। आदि कैलाश की ऊंचाई 5945 मीटर है। आदि काल से ही अपनी सांस्कृतिक गरिमा और धार्मिक महता से अभिभूत कर आकर्षित करता रहा है।

सुकेत की ऐतिहासिक नगरी पांगणा से पंजाब नेशनल बैंक करसोग के प्रबंधक अंकुश शर्मा के नेतृत्व में चार सदस्यीय शिव भक्तों का दल आदि कैलाश की एक सप्ताह की साहसिक और रोमांचक यात्रा से लौटकर आज पांगणा पहुंचा। इस दल में अंकुश शर्मा के साथ वासु श्रीवास्तव, अंकित शर्मा और पुनीत शर्मा शामिल थे। इस दल ने धारचुला पहुंच कर वहा इनर लाईन परमिट बनाकर पांगला, बुदि, गुन्जी,कालापानी,कुटी होते हुए सोमवार को आदि कैलाश पहुंचा।

शिव का वास माने जाने वाले पवित्र आदि कैलाश का सुंदर रोमांचकारी दर्शन कर पूजन अर्चना और नतमस्तक होकर वहां के जल और रज को माथे से लगाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दल ने आदि कैलाश के साथ पांच पाण्डव पर्वत और सौंदर्य सुषमा के आगार “ॐ पर्वत”के दुर्लभ दर्शन का अनोखा अनुभव भी लिया।

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