- एक महीने की परिक्रमा के बाद गर्भगृह मे पुनः विराजे गुग्गा महाराज
आपकी खबर, पांगणा। 16 सितंबर, 2023
उपमंडल करसोग के ऐतिहासिक स्थल पांगणा के समृद्ध इतिहास, संस्कृति और प्राचीन परंपराओ वाले गांव को देखने और समझने के लिए समय समय पर शोद्धार्थी आते रहते है। भाद्रपद माह में गुग्गा जी की दिन-रात गूँजती लोकगाथाओ से पांगणा का वातावरण काफी सुहावना हो जाता है।
मान्यता है कि गांंव-गांंव घर-घर गुग्गा जी के आगमन से परिवार की मनोकामना अवश्य पूर्ण हो जाती है तथा घर का भी भाद्रपद माह मे निर्भय घूमते भूत-प्रेत,डाकिनी शाकिनी आदि कुचाली स्वभाव की शक्तियो से दिग्बंधन हो जाता है।
अपने दर्शन से कृतार्थ कर भाद्रपद माह मे देवी-देवताओ की अनुपस्थिति मे गुग्गा जी सभी की सहायता करते है। श्रद्धा और भक्ति के अनूठे संगम को देखना हो तो एक बार कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर आश्विन संक्राति से पूर्व संध्या तक पागणा मे गुग्गा जी के दरवार मे आना होगा।
आश्विन संक्राति से पूर्व गुग्गा जी अपना विशेष श्रृंगार हटाकर पुनः एक वर्ष के लिए सुुकेत अधिष्ठात्री राज-राजेश्वरी महामाया पांगणा के दुर्ग-मंदिर की छठी मंजिल मे बने गर्भगृह मे प्रतिष्ठापित हो जाते है। कल शाम को गूग्गा जी की अंतिम शोभायात्रा नगराओ से महामाया मंदिर तक निकली। पाँगणा व क्षेत्र वासियो ने गुग्गा जी के अंतिम दर्शन कर इनसे आशीर्वाद लेकर सुख समृद्धि की कामना की।