आपकी खबर,करसोग।
जिला मंडी के उपमंडल करसोग में बहुला चतुर्थी का व्रत गौ पूजन के साथ संपन्न हुआ। गौ माता के प्रति लोगों में आज भी पूरी आस्था और मान्यता है। यहां प्रत्येक कार्य के आरंभ में गौ माता का स्मरण कर उसे भोग अर्पित किया जाता है। लोक विश्वास है कि गौ माता की कृपा प्राप्त कर लेने पर किसी भी कार्य में उपस्थित होने वाले विघ्न समाप्त हो जाते हैं। करसोग में गौ माता का प्रमुख त्यौहार बहुला चतुर्थी है। रविवार को बहुला चतुर्थी मौके पर गाय के पूजन के प्रति महिलाओं में उत्साह और उल्लास देखा गया। गाय के लिए जौ के आटे के पकवान बनाए गए तथा महिलाओं ने गाय व बछड़े का पूजन किया । केवल घर की महिलाओं ने ही संतान की सुख -समृद्धि के लिए विशेष रूप से उपवास रखा। गाय का दूध, दहीं, छाछ,मक्खन, घी, गो मूत्र, गोबर का किसी भी रूप मे प्रयोग नहीं किया। भैंस के गोबर से घर के आंगन और गौशाला मे लिपाई की गई तथा बांस के एक सूप में लिपाई कर उसमें जौ के आटे से गाय, ग्वाला, बछड़ा, बाघ,एक राजा, एक सीढ़ी बनाकर स्थापित कर धूप-दीप से पूजा अर्चना की। गौशाला के आंगन में गाय और बछड़े की पूजा करने के बाद गाय और बछड़े के गले मे “मरूआ” नामक फूल और दूर्वा की मालाएं पहनाकर दोनों की पीठ पर जौ और जल मिश्रित आटे के घोल से हाथों को भिगोकर “थापे”(छाप) लगा कर परिक्रमा कर आशीर्वाद प्राप्त किया। गाय और बछड़े को विशेष तौर पर जौ के आटे के साथ चोकर खिलाया गया। गौ माता की परिक्रमा करने के बाद महिलाओं ने बहुला व्रत कथा का श्रवण कर व्रत का पारण किया।