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एसजेवीएन ने 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए राजस्थान और जम्मू एवं कश्मीर से आशय पत्र प्राप्त किए

  • एसजेवीएन ने 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए राजस्थान और जम्मू एवं कश्मीर से आशय पत्र प्राप्त किए

आपकी खबर, शिमला। 19 अक्तूबर

एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने अवगत करवाया कि एसजेवीएन को जम्मू एवं कश्मीर पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जेकेपीसीएल) तथा राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (आरयूवीएनएल) से सौर ऊर्जा की खरीद के लिए आशय पत्र प्राप्त हुए हैं। 1000 मेगावाट बीकानेर सौर परियोजना से 2.57 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर जेकेपीसीएल 600 मेगावाट और आरयूवीएनएल 500 मेगावाट विद्युत की खरीद करने के लिए इच्छुक है। परियोजना से सौर ऊर्जा का आबंटन विद्युत खरीद करार (पीपीए) के अनुरुप होगा जिस पर निकट भविष्य में हस्ताक्षर किए जाएंगे।

नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) द्वारा पीपीए पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। एसजीईएल राजस्थान में 1000 मेगावाट की बीकानेर सौर परियोजना विकसित कर रहा है।

 

भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दिनांक बीते 3 जनवरी को 1000 मेगावाट की बीकानेर सौर परियोजना की आधारशिला रखी। एसजेवीएन ने इस परियोजना के लिए 5491 करोड़ रुपए का भारत का सबसे बड़ा ईपीसी अनुबंध मैसर्स टाटा सोलर पावर सिस्टम्स लिमिटेड को प्रदान किया था।

 

शर्मा ने कहा, “यह परियोजना जून 2024 तक कमीशनिंग के लिए निर्धारित है और इसमें 5491 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है।”

 

नन्‍द लाल शर्मा ने बताया कि इस परियोजना से प्रथम वर्ष में 2455 मिलियन यूनिट और 25 वर्षों की अवधि में संचयी रूप से लगभग 56838 मिलियन यूनिट का‍ विद्युत उत्‍पादन होने की संभावना है। इस परियोजना से 27,85,077 टन कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।

विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत अग्रणी सीपीएसयू एसजेवीएन ने राज्य में 10 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं/पार्कों के विकासार्थ राजस्थान सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

वर्तमान में, एसजेवीएन का परियोजना पोर्टफोलियो 58144 मेगावाट है और भारत सरकार के हरित ऊर्जा ट्रांजिशन के लक्ष्य के अनुरूप कंपनी अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। एसजेवीएन वर्ष 2026 तक 12,000 मेगावाट के अपने मिशन और वर्ष 2030 तक 25,000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने के अपने साझा लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है।

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