- शिमला : रक्तदान व अंगदान को लेकर शिविर में बताया खून दान करने का महत्व
आपकी खबर, शिमला। 18 नवंबर
शिमला के रिज मैदान पर स्टेट ऑर्गन एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन(सोटो) हिमाचल प्रदेश व छात्र कल्याण संघ देहा बलसन की ओर से रक्तदान व अंगदान को लेकर जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान करीब 50 लोगों ने रक्तदान किया। रक्त एकत्रित करने के लिए कमला नेहरू अस्पताल की टीम मौजूद रही। इसमें देहा बलसन संघ के अध्यक्ष रोहित भारद्वाज, प्रेसिडेंट अमित ठाकुर और सेक्रेटरी शैव्या चौहान विशेष रूप से मौजूद रही।
सोटो टीम ने लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक किया और पेंफ्लेट बांटकर अंगदान करने के लिए शपथ पत्र भरने का आग्रह किया। इस दौरान सोटो टीम ने बताया कि लोग मृत्यु के बाद भी अपने अंगदान करके जरूरतमंद का जीवन बचा सकते हैं।
अंगदान करने वाला व्यक्ति ऑर्गन के जरिए 8 लोगों का जीवन बचा सकता है। किसी व्यक्ति की ब्रेन डेथ की पुष्टि होने के बाद, डॉक्टर उसके घरवालों की इच्छा से शरीर से अंग निकाल पाते हैं। इससे पहले सभी कानूनी प्रकियाएं पूरी की जाती हैं। इस प्रक्रिया को एक निश्चित समय के भीतर पूरा करना होता है। ज्यादा समय होने पर अंग खराब होने शुरू हो जाते हैं। देश में प्रतिदिन प्रत्येक 17 मिनट में एक मरीज ट्रांसप्लांट का इंतजार करते हुए जिंदगी से हाथ धो बैठता है।
एक व्यक्ति जिसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष को स्वैच्छिक रूप से अपने करीबी रिश्तेदारों को देश के कानून व नियमों के दायरे में रहकर अंगदान कर सकता है । अंगदान एक महान कार्य है जो हमें मृत्यु के बाद कई जिंदगियां बचाने का अवसर देता है। अंगदान के संबंधित सही जानकारी व भ्रम होने की वजह से अधिकतर लोग अंगदान करने से पीछे हट जाते हैं। इसीलिए अगर लोगों में पहले से अंगदान को लेकर पर्याप्त जानकारी होगी तभी ऐसे मौके जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं।