- हिमाचल को बनाया जाएगा हरित ऊर्जा सम्पन्न राज्य : विक्रमादित्य सिंह
आपकी खबर, शिमला। 17 नवंबर
लोक निर्माण, युवा सेवा व खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां मरीना होटल में कंफेडेरशन ऑफ इंडियन इन्डस्ट्री (सीआईआई) द्वारा आयोजित हिमाचल प्रदेश इक्नॉमिक सब्मिट में हिमाचल को हरित ऊर्जा से परिपूर्ण राज्य बनाने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में गत दिनों आई आपदा के बाद प्रदेश सरकार ने रिकॉर्ड समय में सड़क, पुल आदि को बनाने का कार्य पूरा किया है।
उन्होंने बताया कि जिला शिमला के अंतर्गत ठियोग में वैली ब्रिज का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूर्ण किया गया, जिससे की ऊपरी शिमला के सेब बहुल क्षेत्र से सेब को समय पर मण्डी तक पहुंचाया गया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सड़क यातायात का महत्वपूर्ण साधन है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण रेल और वायु यातायात आसानी से उपलब्ध नहीं है इसलिए यह अति आवश्यक है कि सड़कों को दुरुस्त किया जाए और अधिक से अधिक सड़कों का निर्माण किया जाए, जिससे कि ग्रामीण इलाकों में यातायात की बेहत्तर सुविधा मिल सके तथा देश व प्रदेश से आसानी से सम्पर्क स्थापित हो सके।
नई निर्माण सामग्री को कम से कम इस्तेमाल करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि पुरानी प्रयुक्त निर्माण सामग्री को दोबारा से इस्तेमाल करने की आवश्यकता है, जिससे कि पर्यावरण पर कम से कम दबाव पड़े।
हिमाचल में विद्युत वाहनों के इस्तेमाल पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चार फोरलेन मार्गों को ग्रीन कॉरिडोर (हरित मार्ग) घोषित किया है, जहां पर वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही हैं। विद्युत वाहनों पर सरकार द्वारा 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है और सरकार का यह प्रयास है कि जल्द अधिक से अधिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जाए, जिससे हिमाचल को हरित राज्य बनाने की दिशा में तेजी आ सके और प्रदूषण में अधिकाधिक कटौती हो।
उन्होंने नियोजित खनन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश की नदियों में सुनियोजित ढंग से खनन की आवश्यकता है, जिससे नदियों के बहाव क्षेत्र को नियंत्रित किया जा सके तथा नई निर्माण सामग्री भी आसानी से प्राप्त की जा सके।
विक्रमादित्य सिंह ने मोनो रेल और रज्जू मार्ग के निर्माण को भी भविष्य में पूरे हिमाचल में बढ़ावा देने की बात कही।
उन्होंने फोरलेन निर्माण के अंतर्गत सरकार और निजी कंपनियों को इस बात का ध्यान रखने का आह्वान किया कि वे हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में फोरलेन के लिए की जा रही कटिंग को मानकों के अनुरुप ही करना सुनिश्चित करें, जिससे बरसात एवं अन्य प्राकृतिक आपदा की स्थिति में नुकसान कम से कम हो।