- मुख्यमंत्री सुक्खू बताए कि कहां मिले और कहां गये 55 लाख रुपए : जयराम ठाकुर
- मुख्यमंत्री द्वारा झूठ बोलने की सारी हदें पार करना प्रदेश का दुर्भाग्य
- प्रदेश के युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं के साथ की नाइंसाफ़ी का जवाब देंगे लोग
आपकी खबर, हमीरपुर/बड़सर। 27 मई
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हमीरपुर के बड़सर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कहते हैं कि चुनाव के दौरान बड़सर में 55 लाख रुपए सीज किए गए। जिसके बारे में उन्होंने अनर्गल आरोप लगाए हैं। सुक्खू बताएं कि वह पैसा कहां से मिला। किससे मिला? किसने ज़ब्त किया। कैसे ज़ब्त किया? किस थाने में मुक़दमा दर्ज हुआ? किस संस्था ने दर्ज किया? वह पैसा कहां गया? मैने हर स्तर पर पता किया।
मीडिया के माध्यम से, अधिकारियों के माध्यम से, सभी माध्यमों से पता करने के बाद यह साफ़ हुआ कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं हैं। ऐसी कोई ज़ब्ती रिकॉर्ड में ही नहीं हैं और मुख्यमंत्री ने इसके बारे में प्रेस वक्तव्य भी जारी कर दिया कि पैसे बरामद हुए हैं, उसके साथ और भी अनर्गल बातें की। एक मुख्यमंत्री होकर इस तरह से झूठी बातें करना मुख्यमंत्री के पद की गरिमा के भी ख़िलाफ़ हैं। इससे शर्मनाक कुछ भी नहीं हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री इस तरह से सफ़ेद झूठ बोले और मर्यादा के ख़िलाफ़ आचरण करें। सरकार के डेढ़ साल को मुख्यमंत्री ने सिर्फ़ झूठ बोलकर चलाया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जब से कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री की नाकामी के कारण उनका साथ छोड़ गये हैं तब से मुख्यमंत्री कुछ भी कह रहे हैं। एक मनगढ़ंत कहानी बनाकर अब भाजपा के प्रत्याशियों पर आरोप लगा रहे हैं। इस तरह की तथ्यहीन बातों से वह मुश्किल में आने वाले हैं। भाजपा के कई नेताओं ने उनके ऊपर आपराधिक मानहानि का मुक़दमा दर्ज करवाया है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है। बहुत जल्दी ही उन्हें अपने झूठ के बदले जवाब देना पड़ेगा। सरकार की हर नाकामी का जवाब प्रदेश के लोग देने के लिए तैयार बैठे हैं। चुनाव के बाद जब नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे होंगे तो हिमाचल से कांग्रेस सरकार भी जा रही होगी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने डेढ़ साल की सरकार में सिर्फ़ और सिर्फ़ झूठ बोले। प्रदेश की मातृशक्ति, युवाओं, किसानों, बागवानों सभी को ठगा। हर महीनें सिर्फ़ क़र्ज़ लिए लेकिन विकास का एक भी काम नहीं किया। चुने हुए जनप्रतिनिधों का अपमान करके मित्रों की सरकार चलाई। चुने हुए विधायकों की नहीं सुनी गई। जनता के हितों से जुड़े उनके द्वारा बताए गए काम रोके गये। जो पार्षद का चुनाव नहीं जीत सकते हैं उन्होंने आप लोगों के हितों से जुड़े काम रोके। जब विधायकों के जनहित के काम नहीं होंगे, मंत्रियों और पार्टी अध्यक्ष के काम नहीं होंगे तो विधायक क्या करेगा? सभी ने अपनी आवाज़ उठाई लेकिन अनसुनी कर दी गई। आज जो भी कुछ हो रहा है उसके लिये सिर्फ़ और सिर्फ़ मुख्यमंत्री सुक्खू ही ज़िम्मेदार हैं। उनके गृह ज़िला के तीन विधायक ही उनके ख़िलाफ़ हैं, इससे यह साफ़ है कि उनकी क्या कार्यप्रणाली हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि अभी तो मुख्यमंत्री को हिमकेयर, सहारा जैसी योजनाएं रोकने का जवाब देना हैं, युवाओं को नौकरी न देने, चयन आयोग को भंग करने, युवाओं के रिज़ल्ट नहीं जारी करने और माताओं-बहनों के साथ धोखा करने जैसे शर्मनाक कार्यों के जवाब भी प्रदेश की जनता को देना हैं। तालाबाज़ सरकार पर ताला लगाने के लिए प्रदेश के लोग तैयार बैठे हैं।