हिमाचल

कोई डंडों से तो कोई गर्म पानी डालकर भगा रहा सड़कों से बेसहारा को

  • कोई डंडों से तो कोई गर्म पानी डालकर भगा रहा सड़कों से बेसहारा को
  • हिमाचली पहाड़ी गौवंश सोसाईटी की बैठक में उठे ज्वलंत मुद्दे
आपकी खबर, शिमला। 15 जुलाई
हिमाचल प्रदेश में बेसहारा गौवंश पर हो रहे अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। भले ही प्रदेश सरकारें इसके सरंक्षण की बड़ी बड़ी बातें करती हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही बयां कर रही है। आलम यह है कि जब ये गौवंश दूध देना बंद कर देती है तो इन्हें बेसहारा छोड़ दिया जाता है। सड़कों पर इन्हें भगाने के लिए या तो डंडों का प्रयोग हो रहा है या फिर इन बेजुबानों पर गर्म पानी डालकर भी अत्याचार किया जा रहा है।
हिमाचली पहाड़ी गौवंश सोसाईटी की बैठक में इन मुद्दों पर गहन विचार कर कड़ा ऐतराज भी जताया गया। बैठक की अध्यक्षता सचिव नरेश चौहान ने की। सोसाईटी का कहना है कि वे इस तरह के अत्याचार को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। सोसाईटी का यह भी कहना है कि आने वाले समय में हिमाचल में इस पर नेक कार्य करने वालों की सूची भी तैयार की जा रही है। बता दे कि हाल ही में इस सोसाईटी का गठन किया गया है।
*सुरभि ग्राम योजना होगी शुरू*
बैठक में यह भी तय किया गया कि शिमला के समीप कोहबाग गांव में भारत उदय ट्रस्ट द्वारा संचालित श्याम सुंदरी पहाड़ी गौशाला संचालित की जा रही है। इसमें सड़कों से बेसहारा पहाड़ी गौवंश का संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है। इसके अध्यक्ष नरेश चौहान ने बताया कि सुरभि ग्राम योजना के अंतर्गत कुछ समय बाद इस गौशाला से कुछ निश्चित गांवों में पांच गाय और एक नंदी दिया जाएगा, जिससे हिमाचल की विलुप्त होती इस पहाड़ी गाय को फिर से पुनर्स्थापित किया जा सके।
*पहाड़ी बैलों से खेती कर रहे किसान होंगे सम्मानित*
बैठक में निश्चित किया गया कि पहाड़ी बैलों से खेती करने वाले किसानों को चिह्नित किया जाएगा। साथ ही इस सराहनीय कार्य के लिए इन किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा।
*पहाड़ी गौवंश के गोबर से कर रहे प्राकृतिक बागवानी*
शिमला जिला के कोटखाई से अरुणा वर्मा ने बताया कि वे करीब दो वर्षों से पहाड़ी गौवंश के गोबर से खाद तैयार कर रही हैं। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। वे सेबों के बागीचों में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके प्रयोग से उन्हें बागवानी करनी भी आसान हो गई है।
बैठक में डीके सदाना, राजेंद्र राणा, आर आर भारद्वाज, राकेश प्राशर, वैद्य राजेश कपूर, हेमंत शर्मा, अरुणा वर्मा, नरेंद्र ठाकुर, राकेश ठाकुर, भगत राम, भूपेंद्र राणा आदि ने हिस्सा लिया।

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