कर्मचारी बोले- सीएम सुक्खू अपने लिए बना रहे 19.72 करोड़ का ऑफिस, हमारे लिए खजाना खाली
आपकी खबर, शिमला। 21 अगस्त
सुक्खू सरकार के खिलाफ अब सरकारी कर्मचारी भी लामबंद हो गए हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि मुख्यमंत्री, मंत्री एवं उनके विशेष अधिकारियों की सुख-सुविधा के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन कर्मचारी हक की बात करता है तो उसके लिए खजाना खाली होने का हवाला दिया जाता है।
बुधवार को प्रदेश सचिवालय के बाहर कर्मचारियों ने मांगें पूरी न करने के विरोध में जमकर नारेबाजी एवं विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी कर्मचारियों ने अफसरशाही के खिलाफ भी बोला हल्ला और डीए, एरियर, रिक्त पद भरने समेत विभिन्न मांगे पूरी न होने पर प्रदर्शन किया।
कर्मचारियों ने सरकार को एक दिन का अल्टीमेटम दिया है और कहा कि यदि मांगें पूरी ना हुई तो आंदोलन किया जाएगा और कर्मचारी मास लीव पर चले जाएंगे। कर्मचारियों ने सरकार को सीधी चेतावनी दी और कहा कि मांगे पूरी नहीं होने पर सीएम, मंत्री से लेकर नौकरशाहों को दफ्तर में पानी पिलाने वाला भी नहीं मिलेगा।
हिमाचल सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष संजीव कुमार ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हैं, लेकिन मंत्रियों, विधायकों, आईएएस अधिकारियों की सुविधाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किया जा रहा है. सचिवालय की नई बिल्डिंग में सीएम का एक कार्यालय बन रहा है, जिस पर 19.72 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की जाएगी।
दो मंत्रियों के दफ्तरों पर 50-50 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं. संजीव ने बड़ा हमला करते हुए कहा कि 18-18 हजार रुपये की लाइटें लग रही हैं और फर्नीचर महाराष्ट्र से मंगवाया जा रहा हैं कर्मचारियों ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि विधानसभा स्पीकर के आवास पर 2 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुका है और मेट्रोपोल को बनाने के लिए 100 करोड़ का बजट है, लेकिन सरकार के पास कर्मचारियों के लिए पैसा नहीं है।
ऐसे में पूरे प्रदेश के कर्मचारी गुस्से में हैं और सीएम की।कुर्सी के पेच अब ढीले होना शुरू हो गए हैं, मॉनसून सत्र के बाद कर्मचारी मास कैजुएल लीव पर जाएंगे। अब लड़ाई आर-पार की है और हम सरकार से अपना हक मांग रहे हैं।