मानव कल्याण सेवा समिति और नगर निगम शिमला के समन्वय से जागरूकता शिविर का आयोजन
आपकी खबर, शिमला। 24 अगस्त
नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान के तहत शनिवार को बीएसएन स्कूल चक्कर और बैनमोर में विशेष शिविर आयोजित किया गया। शिविर का मकसद नई पीढ़ी को नशे से दूर रखना है।
हिमाचल प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की ओर से वित्त पोषित और मानव कल्याण सेवा समिति चौपाल जिला शिमला द्वारा संचालित सीपीएलआई योजना के अंतर्गत व विशेष तौर पर नगर निगम शिमला में चल रहे नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम में चक्कर के बीएसएन स्कूल व बाल आश्रम रॉकवुड वार्ड बैनमोर शिमला में जागरूकता शिविर आयोजित किया।
मानव कल्याण सेवा समिति चौपाल द्वारा संचालित सीपीएलआई योजना के एरिया कॉर्डिनेटर दीपक सुंदरियाल ने जानकारी दी की शिमला नगर निगम के अंतर्गत सभी वार्डों में बच्चों एवं युवाओं से संवाद स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नशे से दूर रहे हर बच्चा, यही है मंत्र सच्चा, इस नीति पर हम कार्य कर रहे हैं।
इसी कड़ी में बालूगंज, बीएसएन स्कूल व बाल आश्रम रॉकवुड वार्ड बैनमोर शिमला में नशे में किशोरों में नशे के बढ़ते प्रचलन के कारणों पर विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यक्रम में जिला कल्याण अधिकारी केवल राम चौहान, वार्ड पार्षद दलीप थापा व मानव कल्याण सेवा सीमित के निदेशक केशव राम लौदटा विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
किशोरों से संवाद करते हुए निदेशक केशव राम लौदटा ने कहा कि नशे के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह सूखे में लगी आग हरे भरे जंगल को भी तबाह कर देती है, उसी तरह यदि आज ये सोच कर हम चुप रहे कि ये हमारी समस्या नहीं है तो एक दिन ये आग हमारे घर को भी बर्बाद कर देगी।
कार्यक्रम में बोलते हुए जिला कल्याण अधिकारी ने कहा कि विभाग द्वारा नगर निगम शिमला में विशेष तौर पर सीपीएलआई कार्यक्रम चलाया जा रहा मानव कल्याण संस्था वार्ड स्तर पर ये अभियान चला रही है, जिससे निश्चित तौर पर किशोरों में जागरूकता बढ़ रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
वार्ड पार्षद ने कहा कि संस्था के प्रयास सराहनीय है जल्द ही वार्ड सभा में मानव कल्याण संस्था के साथ बालूगंज वार्ड में अभिभावकों के साथ सवांद कार्यक्रम किया जाएगा।
बीएसएन स्कूल के प्रधानाचार्य प्रेम ठाकुर ने संस्था का धन्यवाद किया और आने वाले समय में संस्था के साथ मिल कर और अधिक जागरूकता कार्यक्रम करनें का आश्वासन दिया।
एरिया कॉर्डिनेटर दीपक सुंदरियाल ने बताया कि किशोरावस्था में नशे के प्रति आकर्षण स्वाभाविक है अनेकों तरह के विज्ञापन, फ़िल्म व सोशल मीडिया इत्यादि में नशे को जिस तरह से प्रचारित किया जाता है उससे किशोरों के मस्तिष्क पर नशे के प्रति जिज्ञासा व आकर्षण पैदा होता है, जगह जगह नशे के समान की उपलब्धता भी एक बहुत बड़ा कारण है कि किशोरावस्था में ही अधिकतर युवा नशे में फंस जातें हैं।
कार्यक्रम में किशोरों को नशे के दुष्प्रभावों से बचने हेतु आवश्यक जानकारी प्रदान की गई। उपस्तिथ स्टाफ से भी विषय की गंभीरता पर विस्तृत चर्चा की गई व समस्या के समाधान हेतु स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने पर बल दिया गया।
संस्था के ट्रेनर वीरेंद्र कुमार व नीलम चौहान द्वारा युवाओं को नशा न करने की शपथ भी दिलवाई व उन्हें नशे के खिलाफ एकजुट होकर अपने अपने क्षेत्र में जागरूकता फैलाने में सहयोग देने का आग्रह भी किया।