हिमाचल

सचिवालय कर्मचारी सेवा संघ डीए-एरियर की मांग के समर्थन में उतरा सचिवालय पेंशन वेलफेयर संघ

पैन्शनर कल्याण संघ ने जताई आपत्ति, जल्द सुलझाए मामला नहीं तो होगा संघर्ष तेज

सचिवालय कर्मचारी सेवा संघ डीए-एरियर की मांग के समर्थन में उतरा सचिवालय पेंशन वेलफेयर संघ

आपकी खबर, शिमला। 29 अगस्त

हिमाचल प्रदेश सचिवालय पेंशन वेलफेयर संघ के अध्यक्ष मदन लाल शर्मा हिमाचल प्रदेश सचिवालय एवं अन्य संबंध पैंशनर कल्याण संघ के प्रधान मदन लाल शर्मा, उपप्रधान  नीलम चौहान, महासचिव भूपराम वर्मा ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी महासंघ द्वारा देय डी०ए० और एरियर के लिए सरकार से जो मांग उठाई जा रही है और जो सचिवालय कर्मचारियों ने 21 व 23 अगस्त, 2024 को सचिवालय के प्रांगण में गेट मिटिंग की है उसका भरपूर सर्मथन करते है। सचिवालय कर्मचारियों द्वारा आगामी जो रणनीति इन मांगों को मनाने के लिए बनाई जाएगी उसका पूरा सहयोग किया जाएगा और जब तक यह मांगें सरकार नहीं मान लेती है और कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए नहीं बुलाती तब तक पैन्शनर कल्याण संघ भी संघर्षरत रहेगा।

सरकार ने पिछले कल सचिवालय कर्मचारियों महासंघ के नेताओं को 15 दिन का नोटिस भेजा है जिसका पैन्शनर कल्याण संघ कड़ी निंदा करता है और सरकार से अनुरोध है कि इस कार्यवाही को वापिस ले और कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए आमंत्रित करें। ट्रेड यूनियन एक्ट के प्रावधानों के अनुसार लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगो को रखने का हक सरकारी कर्मचारियों को बिलकुल है और आज तक गेट मिडिया करने पर कभी भी ऐसा नोटिस जारी नहीं हुआ था जो बिलकुल तर्कसंगत एवं न्यायोचित नही है।

सरकार ने कर्मचारी और पैन्शनरों को आपस में बाटने का काम जारी रखा हुआ है। 01.01.2016 से 31.12.2021 के बीच सेवानिवृत हुए कमचारियों के वितिय लाभ संशोधित वेतनमान का भूगतान अभी तक नही हुआ है जबकि 01.01.2022 के बाद सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को सभी लाभ दिए जा रहे है जो एक अन्याय और पक्षपात है। संघ इस मामले को सरकार से बार-बार उठाता रहा परन्तु कोई कार्यवाही नही होने पर हि०प्र० सचिवालय पैन्शनर संघ ने 147 पैन्शनरों की याचिका माननीय उच्च न्यायलय में दायर की जिसका फैसला 22.03.2024 को आया जिसमें न्यायलय ने 6 प्रतिशत ब्याज सहित 6 सप्ताह में सरकार को अदायगी के आदेश पारित किए परन्तु सरकार ने न्यायलय के फैसले के विरूद्ध LPA दायर कर दी और बावजूद contempt petition दायर करने के बाद भी सरकार देय राशि नहीं दे पाई है। जो चिंता का विषय है।

सरकार को बने लगभग 18 महीने का समय हो गया है और 28000 करोड़ रूपये ऋण ले चुकी है और 14000 करोड़ केन्द्र सरकार से आपदा राहत कार्य के लिए प्राप्त हुए थे परन्तु हि०प्र० सरकार इस राशि को खर्च करने में विफल रहीं और यह पैसा लैप्स हो गया परन्तु कर्मचारियों की मंहगाई भते की 3 किश्तें एवं बकाया वितिय लाभ देने में असर्मथ रहा है।

प्रदेश का पूरा कर्मचारी वर्ग और पैन्शनरर्ज इस समय सरकार की कार्यप्रणाली से सन्तुष्ट नही है क्योंकि सरकार फिजुलखर्ची कर रही है। सरकार ने मन्त्रियों एवं विधायकों के वेतन और भत्ते चुपके से बढ़ा दिए है और कर्मचारियों के लिए खजाना खाली की बात करते है। राजनितिक नियुक्तियां, re-employment to retirees जारी है। Additional Advocate General भी 90 के लगभग नियुक्त है जबकि उनकी sanctioned strength 35 है जबकि इनके अलावा नामी वकीलों को केस लड़ने के लिए लगभग लाखो रूपए खर्च किए जा रहे है। सरकारी भवनों की मुरम्मत व Beautification में करोड़ो रूपए खर्च किए जा रहे है।

HP Administrative Tribunal का बहाल करना भी जनहित में नहीं है जिसका सभी कर्मचारी वर्ग विरोध कर चुके है जिस पर करोड़ों का खर्च आएगा।

अतः सरकार से निवेदन है कि कर्मचारियो व पैन्शनरों की न्याय उचित मांगों को तुरन्त माने और सचिवालय कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाए अन्यथा आने वाले समय में प्रदेश के सभी कर्मचारियों और पैन्शनरों आन्दोलनरत होगें।

संघ सभी कर्मचारी संगठनों व महासंघों से अपील करता है कि सभी संगठन एक मंच पर इकट्ठा हो जाए और सरकार की दमनकारी नीतियों का डट कर विरोध करें और एकरूपता का परिचय दें। यदि सरकार 15 सितंबर 2024 से पहले कर्मचारियों एवं पैन्शनरों के मसलों को नहीं सुलझा पाती है तो भारतीय राज्य पैन्शनर महासंघ हि०प्र० राज्यपाल को अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन देगें और अपना आंदोलन उग्र कर देंगे।

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