शिमला

सुन्नी डैम प्रोजेक्ट कर्मियों की 14 दिन बाद हड़ताल खत्म

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने की प्रभावितों से बैठक, मांगें शीघ्र मानने का दिलाया भरोसा

आपकी खबर, सुन्नी। 19 अगस्त

जिला प्रशासन शिमला की मध्यस्थता से आज सुन्नी डैम प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों द्वारा 14 दिनों से चले आ रहे काम रोको धरना प्रदर्शन पर विराम लगा दिया है।

यह फैसला सोमवार को उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में सुन्नी डैम प्रोजेक्ट एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक में लिया गया।

उपायुक्त ने कहा कि सुन्नी डैम प्रोजेक्ट से सम्बंधित स्थानीय लोगों की कुछ मांगें थी, जिसको लेकर वहां पर 14 दिनों से काम रोको धरना प्रदर्शन चल रहा था। उन्होंने कहा कि आज बैठक में सभी समस्याओं एवं मांगों को लेकर विस्तृत चर्चा के उपरांत फैसला लिया गया कि स्थानीय लोगों की जो भी समस्याएं एवं मांगें हैं उन्हें अवश्य रूप से तरजीह दी जाएगी, ताकि विस्थापितों एवं प्रभावित लोगों को उसका ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त हो सके।

 

अनुपम कश्यप ने डैम प्रोजेक्ट के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्थानीय लोगों की मांग अनुरूप प्रोजेक्ट में यदि नयी भर्तियां होती है तो उस संदर्भ में स्थानीय लोगों को नियम अनुसार प्राथमिकता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि नई भर्तियों प्रक्रिया में यदि हिमाचल प्रदेश के अलावा अन्य किसी राज्य के व्यक्ति को नौकरी प्रदान की जाती है तो उस संदर्भ में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) को आवश्यक रूप से सूचित करना होंगा। भर्ती प्रक्रिया एवं अन्य सभी मामलों के लिए जिला उपायुक्त ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।

इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों की ट्रैफिक व्यवस्था एवं सड़क को चौड़ा करने के सन्दर्भ में भी मांग थी, जिसके लिए उन्होंने डैम प्रोजेक्ट के अधिकारीयों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

उपायुक्त ने कहा कि डंपिंग साइट में कार्य करते समय शोर का विशेष ध्यान रखा जाये। इसके साथ-साथ बच्चों के स्कूल के समय पर गाड़ियों की आवाजाही कम करे ताकि तंग सड़क में जाम की स्थिति उत्पन्न न हो।

जिला उपायुक्त ने डैम प्रोजेक्ट के अधिकारीयों को उनके अधीन कार्य कर रहे ड्राइवरों को सड़क सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करवाने के निर्देश दिए तथा ध्वनि प्रदुषण का भी विशेष ध्यान रखा जाए।

पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गाँधी ने कहा कि जिला प्रशासन का धेय्य है कि डैम प्रोजेक्ट से प्रभावितों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े। उन्होंने स्थानीय लोगों एवं डैम प्रोजेक्ट के लोगों से आपस में सामंजस्य स्थापित करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) अजित भारद्वाज, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा, बीडीसी सदस्य सुनीता शर्मा, प्रधान देवराज, छपिंदर पाल, रीना वर्मा, हीरा लाल जान चेतना संयुक्त संघर्ष समिति प्रधान एवं डैम प्रोजेक्ट के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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