आपकी ख़बर, शिमला।
प्रदेश में अब बिना लाइसेंस लिए बिक्री के लिए बाहरी राज्यों की शराब लाने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। हिमाचल प्रदेश के सभी सीमावर्ती इलाकों में बाहरी राज्यों से आने वाली शराब की धरपकड़ को दो तरह की टीमें गठित कर दी गई हैं। प्रदेश के 13 राजस्व जिलों में कर एवं आबकारी विभाग ने इस विशेष अभियान को शुरू किया है। शराब तस्करी करने वालों पर आबकारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होगी। इस कड़ी में रविवार को कर एवं आबकारी विभाग की विभिन्न टीमों ने नाकेबंदी कर बाहरी राज्यों से लाई जा रही 100 लीटर शराब को जब्त किया। कर एवं आबकारी विभाग ने सोलन, सिरमौर, बद्दी, ऊना, चंबा, कांगड़ा और नूरपुर में कड़ी निगरानी रखना शुरू कर दिया है। हर जिला में बाहरी राज्यों से आने वाली शराब की धरपकड़ के लिए दो-दो विशेष टीमें बनाई गई हैं। विभाग के सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारियों की देखरेख में गठित यह टीमें नाके लगा रही हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में प्रवेश करने वाले मुख्य मार्गों सहित संपर्क मार्गों पर यह विशेष टीमें नजर रखेंगी। बाहरी राज्यों से व्यवसायिक प्रयोग के लिए प्रदेश में अवैध तरीके से लाई जाने वाली शराब की गाड़ियों की धरपकड़ की जाएगी। उधर, प्रदेश में तैयार होने वाली शराब की गुणवत्ता जांचने को ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम पहले ही शुरू कर दिया गया है। इसके तहत प्रदेश में सप्लाई होने वाली शराब की फैक्टरी से लेकर ठेकों तक मानीटरिंग की जा रही है। इन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। जीपीएस लगे वाहनों में ही शराब की सप्लाई को अनिवार्य किया गया है। कर एवं आबकारी आयुक्त युनूस ने बताया कि प्रदेश में अब बाहरी राज्यों से अवैध तरीके से शराब को नहीं लाने दिया जाएगा। हिमाचल सरकार ने पारदर्शी तरीके से शराब के ठेकों का आवंटन किया गया है। प्रदेश के राजस्व में बाहरी राज्यों से अवैध तरीके से आने वाली शराब से नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बाहरी राज्यों से लाई जाने वाली शराब के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। बिना लाइसेंस लिए बाहरी राज्यों से शराब प्रदेश में नहीं ला जा सकती।