कार्यालय में पहुंच रहे फरियादियों को मिल रहा दो टूक जवाब
एक माह से रिक्त चल रहे एसडीएम के पद ने बढ़ाई दिक्कतें
आपकी खबर, करसोग।
एसडीएम साहब आयेंगे, तो आपको बताएंगे। करसोग क्षेत्र की जनता को यह जबाब करसोग के एस.डी.एम. कार्यालय में सुनने को मिल रहा है। साहब कब तक आ जाएंगे? इस सवाल का जबाब मिलता है कि सरकार ही जाने। ग्रामीण क्षेत्रों से रोजाना करसोग स्थित एस.डी.एम. कार्यालय पहुंच रहे फरियादियों को एस.डी.एम. के रिक्त पड़े पद का हवाला देकर यही दो टूक जबाब मिल रहा है। कार्यालय में खाली पड़ी एस.डी.एम. की कुर्सी के चलते जहां जनता परेशान है वहीं कार्यालय में पेंडिग वर्क की फेहरिस्त भी लंबी होती जा रही है। 62 पंचायतों वाले उपमंडल करसोग में एस.डी.एम. का न होना जहां जनता के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है वहीं सरकार की कार्यप्रणाली पर भी जनता से सवालिया निशान उठाने शुरू कर दिए हैं। समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष पनपने लगा है। लोगों का कहना है कि सरकार करसोग के प्रति गंभीर नहीं है। जिसका प्रमाण यह है कि सरकार यहां एस.डी.एम. की तैनाती तक नहीं कर पा रही है। हालांकि, एस.डी.एम. का पद कब तक रिक्त रहेगा इसका जबाब करसोग की जनता के पास भी नहीं है। उपमंडल के प्रशासनिक अधिकारी का पद तकरीबन एक माह से रिक्त रखना जनता की समझ से परे है। करसोग के विकास का दावा करने वाले नेताओं ने भी एस.डी.एम. के रिक्त पड़े पद को शायद गंभीरता से नहीं लिया है। रिक्त पड़े पद का सीधा असर क्षेत्र की जनता पर पड़ रहा है। विकासात्मक कार्यों को धरातल पर उतारने तथा उन कार्यों में आ रही अड़चनों को दुरूस्त करने में प्रशासनिक अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है। लेकिन हैरानी की बात है कि पिछले तकरीबन एक माह से करसोग में एस.डी.एम. का पद रिक्त चल रहा है। हालांकि सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर थुनाग के एस.डी.एम. को करसोग का अतिरिक्त कार्यभार जरूर सौंपा है। लेकिन यह वैकल्पिक व्यवस्था सप्ताह में एक दिन ही जनता को नसीब हो रही है। दूर दराज के ग्रामीण क्षे़त्रों से अपनी समस्या लेकर एस.डी.एम. कार्यालय पहुंच रहे लोगों को बेरंग वापिस लौटना पड़ रहा है। प्रशासन के समक्ष अपनी व्यथा बताने आ रहे ग्रामीणों को कार्यालय पहुंचने पर पता चलता है कि एस.डी.एम. साहब हैं ही नहीं। जन समस्याओं के अलावा कई महत्वपूर्ण कार्य ऐसे भी हैं जिनमें एस.डी.एम. का रिक्त पड़ा पद परेशानियों का सबब बन रहा है। प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश की करसोग घाटी भी प्रकृति के प्रकोप से अछूती नहीं है। करसोग घाटी में बारिश के चलते जहां जीवन अस्त व्यस्त होने लगा है वहीं लोगों को करोड़ों रूपयों का नुकसान भी झेलना पड़ा है। ऐसे में आपदा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं एस.डी.एम. की मौजूदगी का न होना जनता के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। बहरहाल, एक माह से रिक्त चल रहे एस.डी.एम. के पद ने जनता की दिक्कतें बढ़ा दी हैं।
पूर्व विधायक ने करसोग की अनदेखी पर घेरी सरकार
डेढ़ लाख की आबादी का आंकड़ा पार कर चुके उपमंडल करसोग की सुध सरकार नहीं ले रही है। यह आरोप करसोग के पूर्व विधायक हीरा लाल ने लगाए हैं। उन्होने बताया कि जनता परेशान है लेकिन सरकार व्यवस्था परिवर्तन का राग आलापने में व्यस्त है। यहां एक महीने से एस.डी.एम. नहीं है। अन्य अधिकारियों का भी तबादला किया गया है जिसके चलते अधिकतर कार्यालयों में रिक्त चल रहे पदों की वजह से जनता परेशान है।
21 जून से रिक्त है एस.डी.एम. का पद
करसोग के एस.डी.एम. का पद 21 जून से रिक्त चल रहा है। एस.डी.एम. का तबादला होने के बाद थुनाग के एस.डी.एम. को करसोग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। प्राकृतिक आपदा ने थुनाग सहित करसोग में भी कहर बरपाया है। ऐसे में दोनों ही उपमंडल के लोगों को राहत पहुंचाने व प्रभावित क्षेत्रों का त्वरित दौरा करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी की आवश्यकता है। जनता ने सरकार से मांग की है कि करसोग में रिक्त चल रहा एस.डी.एम. का पद जल्द भरा जाए।