Friday, April 19, 2024

किन्नौर की समृद्ध संस्कृति व सांस्कृतिक धरोहर देश भर में बनी मिसाल : उपायुक्त

आपकी खबर, किन्नौर।

 

आजादी के 75वें अमृत महोत्सव व हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व स्वर्णिम जयंती वर्ष पर केंद्र सरकार के जनजातीय मंत्रालय व जिला प्रशासन किन्नौर के संयुक्त तत्वाधान में पुलिस ग्राउंड रिकांग पिओ में आयोजित 5 दिवसीय राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य एवं क्राफ्ट मेला सम्पन्न हो गया। समापन समारोह की अध्यक्षता उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने की।

उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला अपनी समृद्ध संस्कृति, सांस्कृतिक धरोहर, अलग पहरावा, रीति-रिवाज व खान-पान के लिए प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में अलग पहचान बनाए हुए है। उन्होंने जिलावासियों विशेषकर युवाओं का आवाह्न करते हुए कहा कि वे अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए आगे आएं ताकि जिले की विशिष्ट पहचान बनी रहे।

उन्होंने कहा कि जिले के विकास में यहां के परिश्रमी लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि जिले की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में जिले की महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही हैं जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने में भी अहम भूमिका रही हैं तथा महिलाओं द्वारा जिले में गठित लगभग 700 से अधिक स्वयं सहायता समूह जिले सहित प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय व हिमाचल सरकार के सहयोग से आयोजित 5 दिवसीय राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य एवं क्राफ्ट मेेले के आयोजन का मुख्य उद्देश्य जिले की संस्कृति व सांस्कृति धरोहर का संरक्षण सुनिश्चित बनाने के साथ-साथ यहां की विशिष्ट कला जिनमें हथकरघा, हस्तशिल्प, काष्ठ-कला, मूर्तिकला, आभूषण, थनका पेंटिंग व पारम्परिक वस्त्रों के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ इन कार्य से जुड़े लोगों के लिए एक उचित मंच उपलब्ध करवाना था।

उन्होंने कहा कि 5 दिवसीय क्राफ्ट मेले में जिले सहित जनजातीय क्षेत्रों के 46 आर्टिसियन व स्वयं सहायता समूहों ने भाग लिया है जिसमें चंबा जिले के भरमौर से 3 आर्टिसियन, लाहौल-स्पीति के लाहौल से एक, स्पीति से 5 स्वयं सहायता समूह व एक थनका पेंटिंग के चित्रकार के अलावा किन्नौर जिला के 43 शिल्पकार, मूर्तिकार, काष्ठ-कला, धातू-कला, हथकरघा, हस्तशिल्प, बुनाई व स्वयं सहायता समूह ने भाग लिया। इसके अलावा जिले के पारम्परिक व्यंजनों की प्रदर्शनी व बिक्री भी इस दौरान की गई।

5 दिन चले राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य महोत्सव में प्रथम दिन जनजातीय क्षेत्रों से आए विभिन्न सांस्कृतिक दलों की प्रतियोगिता की गई जिसमें किन्नौर जिला के 3, चंबा से एक, लाहौल-स्पीति से 2 व कांगड़ा जिले के गद्दी नृत्य दल ने भाग लिया। इसके अलावा जिले के लगभग 15 महिला मण्डलों, युवक मण्डलों के अलावा 4 सांस्कृतिक दलों ने भाग लिया।

समापन अवसर पर जिले के 4 वाद्य यंत्र दलों ने भी भाग लेकर मेले में आए सभी लोगों को अपने मधुर संगीत से मंत्रमुग्ध किया। इसके अलावा आईटीआई रिकांगपिओ, डाईट व ठाकुर सेन नेगी राजकीय महाविद्यलाय रिकांग पिओ की छात्राओं ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया।

इस अवसर पर उपायुक्त ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले सभी कलाकारों व आर्टिसियनस को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पूह अश्वनी कुमार, उपमण्डलाधिकारी निचार मनमोहन सिंह, उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण जयवंती ठाकुर, खण्ड विकास अधिकारी कल्पा ज्ञान प्यारी, जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक जे.आर अभिलाषी, प्रबंधक डाॅ. ठाकुर भगत, सहायक अभियन्ता लोक निमार्ण विभाग अंशुल चोधरी, जेएसडब्लयू के सीएसआर प्रमुख दीपक डेविड के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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