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… तो क्या हिमाचल में प्रभावितों को राहत देने में बरती गई कोताही?

  • … तो क्या हिमाचल में प्रभावितों को राहत देने में बरती गई कोताही?
  • नेता प्रतिपक्ष जयराम ने क्यों दे डाली सुक्खू के अधिकारियों को चेतावनी

 

आपकी खबर, शिमला। 20 अक्तूबर

 

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से तबाही नहीं हुई है। अधिकतर सड़कें तबाह हो गईं, कई लोग बेघर हो गए तो कुछ ने अपनों को भी खोया। मदद के लिए भी हिमाचल के लोगों ने दिल खोलकर दान किया। केंद्र सरकार ने भी राहत राशि तुरंत जारी की। कई राज्यों की सरकारों ने भी मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किया।

 

विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहा है कि आपदा प्रभावितों को उचित राशि नहीं दी जा रही है। सरकार केवल राहत के नाम पर ऊंट के मुह में जीरा मात्र राशि दे रही है। इस राशि के आवंटन में पूरी तरह से पारदर्शिता नहीं बरती गई।

नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया है कि बाढ़ और बारिश से प्रभावितों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया। केंद्र से जो राहत दी गई, वह पैसा सही तरीके से नहीं दिया गया। एक दिन पूर्व ही जयराम ठाकुर दिल्ली दौरे से लौटे हैं। वहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस संबंध में गहन चर्चा हुई।

 

शिमला पहुंचते ही उन्होंने पत्रकार वार्ता में प्रदेश के अफसरों को चेेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि आपदा में प्रभावित लोगों को राहत राशि के आबंटन में पारर्दशिता बरती जाए। पात्र लोगों को राहत राशि प्रदान करने में अगर कोई भी कोताही बरती, तो न अधिकारी बचेंगे और न ही प्रभावितों की सूची बनाने वाले और यह रिकॉर्ड का हिस्सा होगा।

 

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार इस पैकेज को लेकर पिक एंड चूज कर रही है। ब्लॉक स्तर राजनीतिक विशेष दलों के लोगों की सूची बन रही है और इस पैकेज का लाभ उन लोगों तक कैसे पहुंचे उनकी रणनीति तय की जा रही है।

 

नेेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सरकार एक बहुत बड़े राहत पैकेज लाई है, जिसके बारे में वह गुणगान कर रही है। सुक्खू सरकार ने यह पैकेज 4500 करोड़ का किया है, लेकिन बिना केंद्र की सहायता से यह पैकेज लाना संभव नहीं था।

 

इस पैकेज के अंतर्गत 1000 करोड़ रुपए मनरेगा से खर्च किया जाएगा, जो कि केंद्र की अधिकार क्षेत्र है, न कि प्रदेश सरकार का। उन्होंने कहा कि क्रेंद्र सरकार ने 6500 घर स्वीकृत किए हैं जो कि राजीव गांंधी आवास योजना के अंतर्गत है। इससे आपदा में जो लोगों को घरों को नुकसान हुआ है, उसको काफी फायदा मिलेगा, जिसका बजट 100 करोड़ से ज्यादा है।

एनडीआरएफ के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश को 364 करोड़ बार मिले और 190 करोड़ दूसरी बार मिले, जो कि इस पैकेज का हिस्सा है। 225 करोड़ रुपए लोगों ने आपदा राहत कोष में अंशदान किया है, जो कि इस पैकेज का हिस्सा है। एनडीआरएफ में इस सरकार को काफी फंड मिला है। एनडीआरएफ के अंतर्गत 403 करोड़ की राशि हिमाचल सरकार को मिली है। स्टेट डिजास्टर फंड के अंतर्गत 86 करोड़ के लगभग पैसा सरकार को मिला है।

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