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एसजेवीएन ने आईआईटी दिल्ली के सहयोग से टनलिंग पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की

  • एसजेवीएन ने आईआईटी दिल्ली के सहयोग से टनलिंग पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की

 

आपकी खबर, शिमला। 2 दिसंबर

 

विद्युत राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज नई दिल्ली में एसजेवीएन द्वारा “टनलिंग” पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मोहम्मद अफ़ज़ल, संयुक्त सचिव (विद्युत) भारत सरकार,  नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन, प्रोफ़ेसर टी.आर. श्रीकृष्णन, उप निदेशक, आईआईटी दिल्ली भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ उपस्थित रहे। एसजेवीएन आईआईटी दिल्ली के सहयोग से इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है।

 

नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि टनल निर्माण उद्योग की वर्तमान प्राथमिकता पूंजीगत व्यय को कम करने के साथ-साथ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागत-प्रभावी एवं आधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाना है।

एसजेवीएन की एक पहल, इस संगोष्ठी, का उद्देश्य टनलिंग इंडस्ट्री के विशेषज्ञों एवं उद्योगपतियों के मध्य सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हुए टनल निर्माण में आनेवाली बाधाओं और संभावित समाधानों की पहचान करना है।

 

मुख्य अतिथि विद्युत राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि टनलिंग एवं अंडरग्राउंड स्पेस निर्माण इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, विशेषतः विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वर्तमान समय की मांग है कि भारत की विविध भूविज्ञान के अनुरूप कुशल और आधुनिक सुरंग निर्माण विधियों को अपनाकर बिजली परियोजनाओं में तेजी लाई जाए। भारत सरकार स्थाई एवं पर्यावरण अनुकूल टनल निर्माण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से रचनात्मक, परिणाम-संचालित नीतियां तैयार कर रही है।

 

इस आयोजन में हाइड्रो सीपीएसई, विद्युत मंत्रालय एवं केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकगण, निदेशकगण और वरिष्ठ अधिकारी तथा भारत एवं विदेश के स्टेकहोल्डर्ज भाग ले रहे हैं।

यह संगोष्ठी मुख्य वक्ताओं द्वारा पैनल चर्चा, तकनीकी सत्र, अनुभवों और ज्ञान के आदान-प्रदान एवं नेटवर्किंग के अवसरों के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है। प्रतिभागी अत्याधुनिक तकनीकों, सर्वोत्तम प्रथाओं एवं मामला अध्ययनों से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं जो टनल निर्माण एवं अंडरग्राउंड निर्माण के भविष्य को नया आकार प्रदान करेगी।

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