आपकी खबर, शिमला। 11 अगस्त
हिमाचल के युवा नशे की गर्त में न जाए, इस मकसद से प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा जागरूकता अभियान चलाया गया है। यह नशा निवारण अभियान हिमाचल प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा वित्त पोषित और मानव कल्याण सेवा समिति चौपाल जिला शिमला द्वारा संचालित CPLI योजना के अंतर्गत व विशेष तौर पर नगर निगम शिमला में चल रहे नशा मुक्त भारत अभियान के तहत चलाया जा रहा है।
मानव कल्याण सेवा समिति चौपाल द्वारा संचालित CPLI योजना के एरिया कॉर्डिनेटर दीपक सुंदरियाल ने बताया कि नगर निगम शिमला के तहत आने वाले स्कूलों में यह अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में रविवार को बाल आश्रम टूटीकंडी शिमला में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
उन्होंने बताया कि शिमला नगर निगम के अंतर्गत सभी वार्डों में बच्चों एवं युवाओं से संवाद स्थापित किया जा रहा है। इसी कड़ी में बाल आश्रम टूटीकंडी शिमला में नशे में किशोरों में नशे के बढ़ते प्रचलन के कारणों पर विस्तृत चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि किशोरावस्था में नशे के प्रति आकर्षण स्वाभाविक है। अनेकों तरह के विज्ञापन फ़िल्म व सोशल मीडिया इत्यादि में नशे को जिस तरह से प्रचारित किया जाता है, उससे किशोरों के मस्तिष्क पर नशे के प्रति जिज्ञासा व आकर्षण पैदा होता है। हर जगह नशे के सामान की उपलब्धता भी एक बहुत बड़ा कारण है कि किशोरावस्था में ही अधिकतर युवा नशे में फंस जाते हैं।
कार्यक्रम में किशोरों को नशे के दुष्प्रभावों से बचने हेतु आवश्यक जानकारी प्रदान की गई। उपस्थित स्टाफ से भी विषय की गंभीरता पर विस्तृत चर्चा की गई व समस्या के समाधान हेतु स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने पर बल दिया गया।
संस्था के ट्रेनर वीरेंद्र कुमार व नीलम चौहान द्वारा युवाओं को नशा न करने की शपथ भी दिलवाई व उन्हें नशे के खिलाफ एकजुट होकर अपने अपने क्षेत्र में जागरूकता फैलाने में सहयोग देने का आग्रह भी किया।