अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ ने किया योजना का स्वागत
आपकी खबर, शिमला। 24 अगस्त
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नई सौगात दी है। अब न्यू पेंशन स्कीम की जगह युनिफाइड पेंशन स्कीम लांच की है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसको लेकर सहमति बनी है। योजना अगले वर्ष से शुरू होगी।
कैबिनेट के फैसले का एलान करते हुए केद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देशभर में सरकारी कर्मचारियों की तरफ से हमेशा मांग आती रही कि एनपीएस स्कीम में सुधार किया जाए। इस सुधार के लिए अप्रैल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कमेटी बनाई थी। डॉ सोमनाथन इस कमेटी के चेयरमैन थे। इस कमिटी ने 100 से अधिक सरकारी कर्मचारी संगठनों के साथ बात की। करीब सभी राज्यों के साथ इस कमेटी ने बातचीत की। राज्य सरकारों के कर्मचारियों के संगठनों को भी तरजीह दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय को गंभीरता से लिया था। कमेटी की सिफारिश के आधार पर सरकार ने एकीकृत पेंशन स्कीम को मंजूरी दी है।
उधर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम का स्वागत किया है। महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा (माध्यमिक संवर्ग) प्रांत अध्यक्ष विनोद सूद, प्रांत महामंत्री नरेश शर्मा, प्रांत मीडिया प्रमुख हिमाचल इकाई शशि शर्मा सहित हिमाचल प्रदेश इकाई की समस्त कार्यकारिणी ने इस स्कीम को कर्मचारियों के लिए लागू करने के लिए खुशी व्यक्त की। यूनिफाइड पेंशन स्कीम नाम से इस योजना को एक अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। 2003 से सेवानिवृत हुए लोग भी इस का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें कम से कम ₹10000 से लेकर अंतिम वर्ष की सैलरी का औसत 50% पेंशन सरकारी कर्मचारियों को मिल पाएगा।
यहां जारी बयान में प्रांत मीडिया प्रमुख एबीआरएसएम हिमाचल शशि शर्मा ने कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम के लागू करने के लिए एबीआरएसएम के साथ सोमनाथन कमेटी की कई दौर की वार्ता हुई थी।
अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू होने से देश भर के कर्मचारी अपने भविष्य को सुनिश्चित मानते हुए राष्ट्र निर्माण के अपने लक्ष्य और जन सेवा के मूल उद्देश्य को ध्यान लगाकर काम कर पाएंगे और अनावश्यक रूप से पेंशन जैसे महत्वपूर्ण मसले पर उन्हें अब चिंता करने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में जहां नाम मात्र की पेंशन मिल रही थी वहीं अब केंद्र सरकार के इस फैसले से सम्मानजनक तरीके से जीवन जीने हेतु सरकारी कर्मचारियों को सेवा के बदले निश्चित धन मिल पाएगा और इस मसले पर कर्मचारी किसी प्रकार की राजनीति का शिकार भी नहीं बनेंगे।
इस स्कीम के तहत अगर किसी भी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया तो रिटायरमेंट से पहले नौकरी के आखिरी 12 महीने के बेसिक पे का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलेगा। सरकारी कर्मचारियों को 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद कम से कम 10,000 रुपये पेंशन मिलेगी। यूनिफाइड पेंशन स्कीम को पुरानी और नई पेंशन स्कीम की जगह पर लाया गया है।अगर दुर्भाग्य से किसी पेंशन लेने वाले कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को कर्मचारी के निधन के समय तक मिलने वाली पेंशन का 60 फीसदी परिवार को मिलेगा। अगर कोई 10 साल बाद नौकरी छोड़ देता है तो उसे भी 10 हजार रुपये पेंशन मिलेगी।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम (NPS) में बने रहने या यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शामिल होने का विकल्प चुनने का अधिकार होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की केंद्रीय टोली ने मिनिमम और मैक्सिमम पेंशन निर्धारित करने का आग्रह किया था।