राजनीति

भाजपा नेता बताएं चुनाव के लिए पूंजीपतियों से उन्हें कितना धन मिला : कैबिनेट मंत्री

धनीराम शांडिल और जगत सिंह नेगी ने भाजपा नेताओं के हिमाचल को लेकर आरोपों को बताया बेबुनियाद

  • भाजपा नेता बताएं चुनाव के लिए पूंजीपतियों से उन्हें कितना धन मिला : कैबिनेट मंत्री
  • धनीराम शांडिल और जगत सिंह नेगी ने भाजपा नेताओं के हिमाचल को लेकर आरोपों को बताया बेबुनियाद

 

आपकी खबर, शिमला। 10 नवंबर

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल और राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां जारी संयुक्त प्रेस वक्तव्य में केंद्रीय भाजपा नेताओं के हिमाचल को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद करार दिया है।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के लिए हिमाचल सहित अन्य कांग्रेस शासित राज्यों से वूसली के आरोप लगाने वाले भाजपा नेता बताएं कि उन्हें चुनाव के लिए पूंजीपतियों से कितना धन मिला है।

मंत्रियों ने कहा कि चुनावी बॉन्ड के जरिए 6,060 करोड़ रुपये का सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला है। ऐसे में केंद्रीय भाजपा नेता वसूली के आरोप लगाने सेे पहले अपने गिरेबान में झांकें। देश का सर्वोच्च न्यायालय भी चुनावी बॉन्ड योेजना को असंवैधानिक करार दे चुका है।

उन्होंने कहा कि हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार ने युवाओं को रोजगार देने की बजाय उपलब्ध रोजगार भी छीन लिए। न लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपये आए और न ही युवाओं को नौकरी मिली। मंत्रियों ने कहा कि 22 माह के कार्यकाल में प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं हैं। अगर ऐसा होता तो केंद्र सरकार अपनी सभी कठपुतली जांच एजेंसियों के जरिए कार्रवाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ती।

उन्होंने कहा कि जबसे भाजपा केंद्र में सत्ता में आई है तभी से ही राज्यों में एक-एक करके लोकतंत्र को कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। शुरुआत अरुणाचल प्रदेश से हुई थी जहां कांग्रेस की भारी बहुमत वाली सरकार को गिराया गया था। मणिपुर और गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन भाजपा ने अलोकतांत्रिक तरीके से सरकार का गठन किया।

महाराष्ट्र में बहुमत नहीं होने के बाद भी भाजपा के मुख्यमंत्री को रातों-रात शपथ दिलाई गई। मध्य प्रदेश में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को अस्थिर किया गया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं को ईडी, सीबीआई और आयकर इत्यादि एजेंसियों के माध्यम से दबाव बनाया जाता है।

मात्र 14 माह में हिमाचल प्रदेश में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को ऑपरेशन लोट्स के जरिए अस्थिर करने का प्रयास किया गया, लेकिन प्रदेश की प्रबुद्ध जनता ने भाजपा के नापाक मंसूबों पर पानी फेरकर कांग्रेस सरकार पर भरोसा जताकर फिर से राज्य की सत्ता सौंपी। मंत्रियों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मात्र 20 माह के कार्यकाल में 10 में से पांच गांरटियों को पूरा किया है। पहली कैबिनेट बैठक में 1.36 लाख कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल की गई है।

इंदिरा गांधी प्यारी बहना महिला सुख सम्मान निधि के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु की 2.85 लाख पात्र महिलाओं को हर माह 1500 रुपये दिए जा रहे हैं। 680 करोड़ की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना के अंतर्गत ई-टैक्सी खरीदने, निजी भूमि पर सोलर पैनल लगाने के लिए 50 प्रतिशन अनुदान दिया जा रहा है।

प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में इस शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम शुरू किया गया है। देश में पहली बार प्राकृतिक तरीके से उत्पन्न गेहूं के लिए 40 रुपये और मक्की के लिए 30 रुपये प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है।

हिमाचल दूध खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला देश का पहला राज्य है जहां गाय का दूध 45 रुपये और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। प्रदेश में आबकारी नीति में संशोधन कर अतिरिक्त राजस्व जुटाया गया है और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित किया जा रहा हैै।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, झारखंड और उप-चुनावों में पार्टी की जीत तय है और भाजपा के शासन से लोगों में गुस्सा है और इसका परिणाम 23 नवम्बर को सबके सामने होगा। मंत्रियों ने कहा कि भाजपा नेताओं को प्रदेश सरकार पर निराधार आरोप लगाने के बजाय दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपना ध्यान राष्ट्र के विकास और सर्वधर्म समभाव पर केंद्रित करना चाहिए ताकि राष्ट्र एकजुट होकर वैश्विक स्तर पर निरंतर आगे बढ़ता रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button