ब्रेकिंग : सुक्खू सरकार के 6 सीपीएस की नियुक्तियां रद्द, सुविधाएं भी छीनी
हिमाचल हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, कहा, संविधान में सीपीएस की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं
आपकी खबर, शिमला। 13 नवंबर
हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट में चल रहे सीपीएस मामले में आज प्रदेश की सुक्खू सरकार को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को इस मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है।
जस्टिस विवेक ठाकुर और जस्टिस बीसी नेगी की बेंच ने सभी 6 सीपीएस को तुरंत प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने सभी सरकारी सुविधाओं को भी तुरंत वापस लेने के आदेश दिए। हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट ने राज्य सरकार का 2006 का सीपीएस एक्ट निरस्त कर दिया है।
हाइकोर्ट ने साफ किया कि संविधान में सीपीएस की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है और विधानसभा ऐसा एक्ट बनाने के लिए सक्षम नहीं है।
बता दें कि हिमाचल में 11 दिसंबर 2022 को कांग्रेस की सरकार बनी, जिसके बाद कांग्रेस सरकार ने 6 विधायकों को सीपीएस यानी मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया था, जिसके खिलाफ भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सतपाल सत्ती समेत अन्य भाजपा विधायकों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें सीपीएस की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी गई थी। भाजपा का आरोप था कि सरकार ने विधायकों को खुश करने के लिए सीपीएस नियुक्त किए हैं।