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रंग ला रहे बागवानी विकास को बढ़ावा देने के प्रदेश सरकार के प्रयास

लेह-लद्दाख विश्वविद्यालय को सवा पांच लाख रुपए के उच्च गुणवत्ता के पौधे वितरित

आपकी खबर, मंडी। 5 दिसंबर

बागवानी विकास को बढ़ावा देने के प्रदेश सरकार के प्रयास रंग लाने लगे हैं। बागवानी से जुड़े प्रदेशवासी फल उत्पादन में नई इबारत लिख रहे हैं, वहीं अब प्रदेश में उच्च गुणवत्ता की विदेशी पौध सामग्री भी तैयार की जा रही है। मंडी जिला इसमें अग्रणी बन कर उभरा है।

नर्सरी मैनेजमेंट सोसायटी के तहत उद्यान विभाग के प्रयत्नों से हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के तहत विदेशी पौध सामग्री तैयार की गयी है। इनमें सेब, आड़ी, प्लम जैसे विविध फलों के पौधे मंडी जिला के विभिन्न क्षेत्रों में भी तैयार किए जा रहे हैं। यह सामग्री अब वितरण के लिए उपलब्ध है। इसके लिए बाहरी क्षेत्रों से दल मंडी पहुंच रहे हैं।

इसी कड़ी में स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी, लेह-लद्दाख यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर डॉ० कुंज़्स अंगमो तथा डॉ० कुंजांग लामो ने आज मंडी जिला में उद्यान विभाग के फल संतति एवं प्रदर्शन केंद्र जंजैहली, समराहन, हराबाग व रिच नर्सरी नांडी, सिराज का दौरा  किया। इस दल ने यहां तैयार उच्च गुणवता के पौधों का निरीक्षण किया।

उप निदेशक उद्यान, डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि विभाग ने आज लेह लद्दाख यूनिवर्सिटी को सेब, आड़ू तथा प्लम के उच्च गुणवत्ता के पौधे वितरित किए। इनमें उच्च गुणवत्ता के ग्राफ्टेड सेब रेड वेलॉक्स, गाला सकिन्का रेड, गालावाल, रेडलम गाला, डार्क बरोंन गाला प्रजाति के 2,645 पौधे, आड़ू के 100 पौधे, प्लम के 100 पौधे तथा सेब के रोटस्टॉक बड्ड-9, बड्ड-10 व बड्ड-118 प्रजाति के  300 पौधे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन पौधों की कुल कीमत 5,25,020 रुपए है।

डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि आज उद्यान विभाग इतना समर्थ है कि उच्च से उच्चतर किस्म के पौधे दूसरे राज्यों को वितरण कर सकता है। मंडी जिला सहित प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है कि कड़ी मेहनत और बेहतर प्रयासों के चलते आज विभाग इसमें सक्षम हो पाया है।

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